देश की सबसे बड़ी वामपंथी पार्टी माकपा की कमान कौन संभालेगा? जानिए किस-किस के बीच है मुकाबला

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अगले महासचिव के चुनाव में दो प्रमुख नेताओं, एम ए बेबी और अशोक धावले का नाम सबसे आगे आ रहा है। म ए बेबी माकपा के एक वरिष्ठ नेता हैं और केरल राज्य से उनका गहरा संबंध है। वह राज्य स्तर पर पार्टी की गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं और पार्टी के लिए उनकी निष्ठा और अनुभव को देखकर उनका नाम महासचिव के पद के लिए उभर कर सामने आया है।

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अगले महासचिव का चुनाव करने की तैयारियां पूरी

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अगले महासचिव के चुनाव को लेकर वर्तमान में काफी अटकलें लगाई जा रही हैं। पार्टी के अंदर और बाहर, यह सवाल उठ रहा है कि इस महत्वपूर्ण पद पर कौन आसीन होगा। इस चुनावी दौड़ में दो प्रमुख नेताओं, एम ए बेबी और अशोक धावले का नाम सबसे आगे आ रहा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अगले महासचिव का चुनाव करने की तैयारियां पूरी हो गई हैं, नेता अपना-अपना समर्थन जुटाने में लगे हैं।

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मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के अगले महासचिव की रेस में कौन-कौन

  • सूत्रों के अनुसार, 2012 से पोलित ब्यूरो के सदस्य बेबी इस पद के लिए प्रबल दावेदार हैं। उन्हें पार्टी की केरल इकाई का समर्थन प्राप्त है।
  • उन्होंने बताया कि पार्टी का एक वर्ग अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) के अध्यक्ष अशोक धावले को यह जिम्मेदारी देने के पक्ष में है, क्योंकि कृषि मुद्दे अभी भी चर्चा में हैं और माकपा ग्रामीण क्षेत्रों में अपना आधार बढ़ाने की कोशिश कर रही है।
  • सूत्रों ने बताया कि माकपा सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का मुकाबला करने के लिए वामपंथी एकता और धर्मनिरपेक्ष, लोकतांत्रिक ताकतों के लिए एक मंच बनाने पर जोर दे रही है, इसलिए धावले के समर्थकों का मानना है कि वह इस भूमिका के लिए बेहतर होंगे।
  • उन्होंने बताया कि धावले को पश्चिम बंगाल खेमे का भी समर्थन प्राप्त है और कई लोगों का मानना है कि वह हिंदी पट्टी में पार्टी के लिए मददगार साबित होंगे।
  • पोलित ब्यूरो के एक अन्य वरिष्ठ सदस्य मोहम्मद सलीम को भी इस पद के दावेदारों में गिना जा रहा है। हालांकि, सूत्रों ने बताया कि सलीम ने पार्टी की पश्चिम बंगाल इकाई के सचिव पद पर बने रहने की इच्छा जताई है।
  • तेलंगाना के नेता और माकपा पोलित ब्यूरो के वरिष्ठतम सदस्य बी वी राघवुलु का नाम भी चर्चा में है, जबकि पार्टी के एक अन्य वर्ग का मानना है कि तेजतर्रार नेता वृंदा करात के नाम पर इस पद के लिए विचार किया जाना चाहिए।

माकपा के लिए महत्वपूर्ण चुनाव

इस चुनाव में पार्टी के लिए यह महत्वपूर्ण फैसला होगा क्योंकि अगले महासचिव का चुनाव पार्टी के भविष्य और उसकी दिशा को प्रभावित करेगा। इस दौरान पार्टी के आंतरिक मुद्दे, रणनीतिक दृष्टिकोण और नेताओं की सामूहिक सोच भी इस चुनाव में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

कैसे होगा चुनाव

निवर्तमान केंद्रीय समिति रविवार को 24वें पार्टी सम्मेलन में नए सदस्यों के चुनाव के लिए नामों की सिफारिश करेगी। प्रतिनिधि किसी भी प्रस्तावित नाम के संबंध में आपत्ति उठा सकते हैं। वे संबंधित सदस्यों की पूर्व स्वीकृति से नए नामों की सिफारिश भी कर सकते हैं। केंद्रीय समिति अपने सदस्यों में से महासचिव सहित पोलित ब्यूरो का भी चुनाव करेगी। पोलित ब्यूरो के सदस्यों की संख्या केंद्रीय समिति द्वारा तय की जाती है। पिछले साल सीताराम येचुरी के निधन के बाद माकपा महासचिव का पद खाली है। येचुरी के निधन के बाद प्रकाश करात ने पार्टी के अंतरिम समन्वयक का पद संभाला।

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शिशुपाल कुमार author

पिछले 10 सालों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम करते हुए खोजी पत्रकारिता और डिजिटल मीडिया के क्षेत्र में एक अपनी समझ विकसित की है। जिसमें कई सीनियर सं...और देखें

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