आज पूरी दुनिया कॉपी कर रही PM मोदी का एक्शन, अर्थव्यवस्था-कूटनीति में बढ़ा भारत का दबदबा
Narendra Modi News : सबसे पहले बात तेल खरीद पर पीएम मोदी की नीति की। भारत की राह पर चलते हुए जापान ने भी अमेरिका और यूरोपीय देशों के विरोध को दरकिनार कर रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया है। खबर है कि जापान रूस से लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल के दाम पर कच्चा तेल खरीद रहा है और इस साल अब तक वो रूस से लगभग 7 लाख 48 हजार बैरल कच्चा तेल खरीद चुका है
रूस से तेल खरीद रहा जापान
सबसे पहले बात तेल खरीद पर पीएम मोदी की नीति की। भारत की राह पर चलते हुए जापान ने भी अमेरिका और यूरोपीय देशों के विरोध को दरकिनार कर रूस से तेल खरीदना शुरू कर दिया है। खबर है कि जापान रूस से लगभग 70 डॉलर प्रति बैरल के दाम पर कच्चा तेल खरीद रहा है और इस साल अब तक वो रूस से लगभग 7 लाख 48 हजार बैरल कच्चा तेल खरीद चुका है। जबकि जापान उन G-7 देशों में शामिल है, जिन्होंने अमेरिका और यूरोपीय देशों के साथ पिछले साल रूस के तेल पर 60 डॉलर प्रति बैरल का प्राइस कैप लगाया था। जिसते तहत ये तय हुआ था कि कोई भी देश रूस को तेल के लिए इससे ज्यादा कीमत नहीं देगा। इसका मकसद था रूस को तेल से होने वाली इनकम को नुकसान पहुंचाना।
पाकिस्तान भी रूस से खरीदने लगा है तेल
जापान ही नहीं अब तो भारत को अपना कट्टर दुश्मन मानने हमारा पड़ोसी पाकिस्तान भी पीएम मोदी के कदम को कॉपी कर रहा है। शहबाज सरकार अगले महीने रूस से कच्चा तेल खरीदने का पहला ऑर्डर देने जा रही है। इस सौदे के लिए पाकिस्तान के तेल मंत्री भारत का जिक्र करना नहीं भूले उन्होंने कहा कि अमेरिका और पश्चिमी देशों के दबाव में आए बिना हमारा पड़ोसी देश भारत लगातार रूस से सस्ती कीमत पर कच्चा तेल खरीद रहा है। हालांकि इससे पहले 2022 में भी पाकिस्तान ने रूस से सस्ता तेल खरीदने की पहल की थी, लेकिन अमेरिका के दबाव में उसने कदम पीछे खींच लिए थे।
भारत ने अपने हितों से समझौता नहीं किया
जापान और पाकिस्तान का ये फैसला बताता है कि कैसे भारत को लेकर दुनिया के बड़े देशों का नजरिया बदला है। दरअसल पूरा जोर ल गाने के बाद भी अमेरिका और यूरोपीय देश रूस को लेकर भारत के रुख को बदलने में नाकाम रहे हैं। भारत ने जब रूस से सस्ता तेल खरीदना शुरू किया, तो इन देशों ने ऐतराज भी जताया। भारत ने अमेरिका और यूरोप के हर दबाव का सामना किया, लेकिन अपनी स्वतंत्र नीति से कभी समझौता नहीं किया और इसकी गवाही रूस के साथ तेल खरीद के आंकड़े भी दे रहे हैं।
मार्च 2023
- कुल तेल खरीद- 5 करोड़ बैरल से ज्यादा
- रोजाना तेल खरीद- 16 लाख बैरल से ज्यादा
- भारत की कुल तेल खरीद का- 38%
- जबकि यूक्रेन युद्ध से पहले 2020 में भारत ने रूस से अपनी जरूरत का सिर्फ 2% कच्चा तेल खरीदा था।
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