वक्फ बिल में संशोधन क्यों मंजूर नहीं, JPC के सामने अरशद मदनी ने दी अपनी दलील

Waqf Board Bill : वक्फ बिल संशोधन विधेयक को लेकर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति लगातार अलग-अलग वर्गों से मिलकर सुझाव ले रही है। बुधवार को हुई जेपीसी की बैठक में दारूल उलूम देवबंद की तरफ से शामिल प्रतिनिधि मंडल ने वक्फ बिल को लेकर अपना सुझाव रखा।

वक्फ बोर्ड संशोधन विधेयक के खिलाफ हैं मदनी।

Waqf Board Bill : वक्फ बिल संशोधन विधेयक को लेकर बनाई गई संयुक्त संसदीय समिति लगातार अलग-अलग वर्गों से मिलकर सुझाव ले रही है। बुधवार को हुई जेपीसी की बैठक में दारूल उलूम देवबंद की तरफ से शामिल प्रतिनिधि मंडल ने वक्फ बिल को लेकर अपना सुझाव रखा। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक दारूल उलूम देवबंद ने वक्फ बिल में किसी भी तरह के संशोधन को पूरी तरह से नकार दिया है। इस बैठक में प्रतिनिधिमंडल की तरफ से मौलाना अरशद मदनी ने जेपीसी के सदस्यों के सामने करीब 2 घंटे तक अपनी बात रखी।

बदलाव के पीछे सरकार की मंशा ठीक नहीं-मदनी

बैठक के दौरान मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि 'अगर संसद इस संशोधन को पास करती है तो मुसलमानों के इबादतगाह (मस्जिद और दरगाह) उनसे छिन जाएंगे। इस डर के पीछे की वजह बताते हुए अरशद मदनी ने कहा कि, 'इस मुल्क में कई सारी ऐसी पुरानी मस्जिदें और इबादतगाहे हैं जिनका अब कई सौ बरस बाद ये बताना मुश्किल है कि इनके वाकिफ (वक्फ करने वाला या दान करने वाले) कौन है!' मदनी ने भी ये कहा कि वक्फ कानून में बदलाव करने के पीछे सरकार की मंशा ठीक नहीं है।

'मौजूदा वक्फ कानून का ही सही ढंग से हो क्रियान्वयन'

सूत्रों के अनुसार, मदनी ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया और कहा कि मौजूदा वक्फ कानून का ही सही ढंग से क्रियान्वयन किया जाना चाहिए।

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