आखिर क्या साबित करना चाहते हैं केजरीवाल? विधानसभा में क्यों लाए 'विश्वास मत', समझिए पूरी सियासत

Arvind Kejriwal Confidence Motion: यह दूसरी बार है जब केजरीवाल सरकार ने 70 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत मांगा है। मौजूदा विधानसभा में आप के पास 62 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास आठ विधायक हैं।

अरविंद केजरीवाल

Arvind Kejriwal Confidence Motion: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने विधानसभा में एक बार फिर से विश्वास मत पेश किया है। यह प्रस्ताव ऐसे समय पर पेश किया गया है, जब ईडी की शिकायत पर केजरीवाल को अदालत में पेश होना है। उन्हें आज (17 फरवरी) को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में तलब किया गया है। इस प्रस्ताव पर शनिवार यानी आज विधानसभा में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के विधायकों और विपक्ष के नेता रामवीर सिंह बिधूड़ी की उपस्थिति में चर्चा की जाएगी। बता दें, गुरुवार को उपराज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कथित रूप से हस्तक्षेप करने पर भाजपा के आठ में से सात विधायकों को शेष सत्र के लिए निलंबित कर दिया गया था।

इसके अलावा बुधवार को ईडी ने एक बार फिर से कथित शराब घोटाले में पूछताछ के लिए केजरीवाल को समन भेजा है और उनसे 19 फरवरी को पेश होने के लिए का गया है। इस बीच केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा में विश्वास मत पेश कर दिया है। यह दूसरी बार है जब केजरीवाल सरकार ने 70 सदस्यीय विधानसभा में विश्वास मत मांगा है। मौजूदा विधानसभा में आप के पास 62 विधायक हैं जबकि भाजपा के पास आठ विधायक हैं।

क्यों लाया गया विश्वास मत?

यह बात तो तय है कि केजरीवाल इस विश्वास मत को आसानी से जीत लेंगे, इसके बावजूद वह विश्वास मत लेकर आए हैं। दरअसल, हाल ही में केजरीवाल ने भारतीय जनता पार्टी पर उनके विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाया था। केजरीवाल ने कहा था कि BJP के लोगों ने उनके 7 विधायकों से संपर्क किया था। अब केजरीवाल विधानसभा में यह दिखाना चाहते हैं कि उनका एक भी विधायक टूटा नहीं है और सभी आम आदमी पार्टी के साथ हैं। विश्वास प्रस्ताव पेश करते हुए केजरीवाल ने कहा, दो विधायक मेरे पास यह कहते हुए आए थे कि भाजपा सदस्यों ने उनसे संपर्क किया है और उन्हें 25-25 करोड़ रुपये देने की पेशकश की है। उन्हें बताया गया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार कर लिया जाएगा और सरकार गिरा दी जाएगी।

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