भगवान राम थे मांसाहारी, 14 साल जंगल में शाकाहारी भोजन कहां मिलेगा...NCP नेता जितेंद्र आव्हाड ने छेड़ा विवाद

Jitendra Awhad: आव्हाड ने सवाल किया कि 14 साल तक जंगल में रहने वाले व्यक्ति को शाकाहारी भोजन कहां मिलेगा, जिससे इस मामले पर बहस छिड़ गई।

Jitendar Awhad

जितेंद्र आव्हाड

Jitendra Awhad: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के शरद पवार गुट के नेता जितेंद्र आव्हाड ने भगवान राम पर अपने बयान से विवाद खड़ा कर दिया है। आव्हाड ने आम धारणा के विपरीत दावा किया कि भगवान राम बहुजन थे और मांसाहारी थे। आव्हाड का यह तब आया जब भाजपा विधायक राम कदम ने महाराष्ट्र सरकार से 22 जनवरी को अयोध्या अभिषेक समारोह के दिन एक दिन के लिए शराब और मांस पर प्रतिबंध लगाने का आग्रह किया था।

आव्हाड ने बयान पर मांगी माफी

बाद में आव्हाड ने भगवान राम पर अपनी टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि वह जो भी कहते हैं वह शोध पर आधारित है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर उन्होंने किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है तो वह माफी मांगते हैं। महाराष्ट्र के शिरडी में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आव्हाड ने पहले कहा था, राम हमारे हैं। राम बहुजनों के हैं। शिकार करके खाने वाले राम हमारे हैं, हम बहुजनों के हैं। जब आप लोग हम सभी को शाकाहारी बनाने जाते हैं, तो हम इसका पालन करते हैं। राम के आदर्श और आज हम मटन खाते हैं। यही राम का आदर्श है। राम शाकाहारी नहीं थे, मांसाहारी थे।

आव्हाड बोले, 14 साल जंगल में शाकाहारी भोजन कहां मिला होगा

आव्हाड ने यह भी सवाल किया कि 14 साल तक जंगल में रहने वाले व्यक्ति को शाकाहारी भोजन कहां मिलेगा, जिससे इस मामले पर बहस छिड़ गई। अपने विवादित बयान को आगे बढ़ाते हुए आव्हाड ने कहा, चाहे कोई कुछ भी कहे, सच्चाई यह है कि हमें आजादी केवल गांधी और नेहरू की वजह से मिली। गांधीजी की हत्या 1947 में नहीं हुई थी, बल्कि उन पर पहला हमला 1935 में हुआ था, दूसरा हमला 1938 में हुआ, तीसरा हमला 1942 में हुआ।

कहा, गांधीजी पर हमला जातिवाद के कारण हुआ

उन्होंने दावा किया कि गांधीजी पर हमले जातिवाद के कारण हुए थे, क्योंकि वह एक बनिया और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से थे। आव्हाड ने जनता के बीच ऐतिहासिक जागरूकता की कमी की आलोचना की और कहा कि गांधीजी की हत्या के पीछे असली कारण जातिवाद था। आव्हाड की टिप्पणी के जवाब में भाजपा विधायक राम कदम ने वास्तविक हिंदू और मराठी मुद्दों की उपेक्षा के बारे में चिंता जताई। उन्होंने कहा कि अगर आज स्वर्गीय बाला साहेब जीवित होते तो सामना अखबार भगवान राम को मांसाहारी कहने वालों की कड़ी आलोचना करता।

देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) और चुनाव के समाचार के लिए जुड़े रहे Times Now Navbharat से |

अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

End of Article

© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited