बड़े नेताओं को छोड़ आखिर BJP ने एक बार के MLA भजनलाल शर्मा को CM क्यों चुना? समझें सियासी मायने

Rajasthan New CM Bhajanlal Sharma: मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की तरह भाजपा ने यहां भी चौंका दिया। विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए आए भजनलाल ने भी अपनी चाल-ढाल से जरा भी संकेत नहीं दिया कि वह सीएम बनने जा रहे हैं।

राजस्थान के नए सीएम हैं भजनलाल शर्मा।

Rajasthan New CM Bhajanlal Sharma: राजस्थान में सीएम चेहरे को लेकर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने एक बार फिर चौंका दिया। मंगलवार को जयपुर में विधायक दल की बैठक में सीएम पद के लिए जिस नाम भजनलाल शर्मा का चुनाव किया गया, वह सीएम पद की दौड़ में नहीं थे, उनके नाम की कहीं चर्चा नहीं थी। लेकिन उन्हें सीएम नामित करने का फैसला हुआ। मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ की तरह भाजपा ने यहां भी चौंका दिया। विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए आए भजनलाल ने भी अपनी चाल-ढाल से जरा भी संकेत नहीं दिया कि वह सीएम बनने जा रहे हैं। वह 15 दिसंबर को सीएम पद की शपथ लेंगे। क्षत्रिय समुदाय की राजकुमारी दीया कुमारी एवं दलित समुदाय से आने वाले प्रेमचंद बैरवा को डिप्टी सीएम बनाया गया है।

कई सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश

वसुंधरा राजे, गजेंद्र सिंह चौहान, किरोड़ी लाल मीणा, बाबा बालकनाथ और दीया कुमारी के नाम सीएम की रेस में शामिल थे लेकिन भाजपा ने सीएम पद की कमान भजनलाल को सौंपी। ब्राह्मण को सीएम बनाकर भाजपा ने लोकसभा चुनाव से पहले अपने सियासी समीकरणों को साधने की कोशिश की है।

राजनीति में दबदबा रखता आया है ब्राह्मण समुदाय

राजस्थान में ब्राह्मण समुदाय की आबादी 8 फीसदी है। उत्तर प्रदेश में 10 से 12 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश में 18 फीसदी, एमपी में छह प्रतिशत और बिहार में 4 फीसदी है। उत्तर भारत में ब्राह्मणों की आबादी भले ही ओबीसी एवं दलित समुदाय जैसी भले न हो लेकिन राजनीति के लिहाज से इस जाति का महत्व जरा भी कम नहीं है। ब्राह्मण समुदाय जिस पार्टी से जुड़ा होता है, उससे कई तरह के राजनीतिक फायदे मिलते हैं। ब्राह्मण समुदाय के लोग बड़े पदों पर होते हैं, वे ज्यादा मुखर और वोट बैंक को प्रभावित करने वाले होते हैं।

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