Where Will CAA Not Applicable: देश के इन हिस्सों में क्यों लागू नहीं हुआ सीएए, 10 प्वाइंट में समझिए
Where Will CAA Not Applicable: यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है।
देश में कहां लागू नहीं होगा सीएए
Where Will CAA Not Applicable: भारत में 11 मार्च 2024 से नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 लागू हो चुका है। जिसे हम सीएए (CAA) के नाम से जानते हैं। सीएए को लेकर कई तरह की बातें चल रही हैं। विपक्ष की कुछ पार्टियां इसे लेकर हल्ला बोली हुई है, कुछ संगठन भी सड़कों पर उतरे हैं। ऐसे में सरकार की ओर से इन अफवाहों को खारिज करते हुए उन इलाकों की लिस्ट जारी की गई है, जहां पर सीएए लागू नहीं होगा।
इन हिस्सों में CAA लागू नहीं (Where Will CAA Not Applicable In Which States)
- सीएए द्वारा पेश किए गए संशोधन संविधान की छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों पर लागू नहीं होते हैं।
- ये असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में स्वायत्त आदिवासी बहुल क्षेत्र हैं।
- इनमें असम में कार्बी आंगलोंग, दिमा हसाओ और बोडोलैंड प्रादेशिक परिषद क्षेत्र शामिल हैं।
- साथ ही मेघालय में गारो हिल्स भी इसी के अंदर आते हैं
- असम और मेघायल के बाद त्रिपुरा के आदिवासी क्षेत्र भी इसमें शामिल हैं।
- सीएए इनर-लाइन परमिट (आईएलपी) व्यवस्था वाले राज्यों पर भी लागू नहीं होता है।
- मुख्य रूप से उत्तर-पूर्व भारत के राज्यों में आईएलपी लागू हैं,
- जिसमें अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, मिजोरम और मणिपुर शामिल हैं।
- ईएलपी के तहत देश के अन्य हिस्सों से इन राज्यों की यात्रा करने के इच्छुक किसी व्यक्ति को राज्य सरकार से विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है
CAA के लिए कहां करें आवेदन
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के पात्र लोगों के लिए मंगलवार को एक पोर्टल (https://indiancitizenshiponline.nic.in/) लॉन्च किया है। सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्ति इस पोर्टल पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। मोबाइल 'ऐप' के माध्यम से आवेदन की सुविधा के लिए शीघ्र ही एक मोबाइल ऐप 'सीएए-2019' भी जारी किया जाएगा।
किस-किसको मिलेगी नागरिकता
बता दें कि मोदी सरकार सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के क्रियान्वयन के लिए नियम अधिसूचित किए। यह कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों- हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है।
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