Cyclone Biparjoy: 10 प्वाइंट्स में समझें चक्रवात बिपरजॉय को क्यों कहा जा रहा है खतरनाक

Why Cyclone Biparjoy is dangerous: भारत में चक्रवाती तूफानों का दस्तक देना कोई नई बात नहीं है। लेकिन बिपरजॉय से होने वाले नुकसान की आशंका अधिक है, हालांकि केंद्र सरकार और संबंधित राज्य सरकारें जैसे महाराष्ट्र और गुजरात ने तैयारियों का दावा किया है।

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चक्रवात बिपरजॉय से 2600 किमी इलाके में खतरा

Why cyclone Biparjoy is dangerous: चक्रवात बिपरजॉय को अब तक का सबसे खतरनाक तूफान माना जा रहा है। मौसम विभाग के मुताबिक गुरुवार यानी 15 जून को यह चक्रवात गुजरात के कच्छ से टकराएगा। लेकिन समंदर में ऊंची ऊंची लहरें खुद ब खुद गवाही दे रही हैं। अगर आगाज ऐसा है तो अंजाम कितना खतरनाक साबित हो सकता है। चक्रवात का सामना करने के लिए राज्य सरकारें और केंद्र सरकार पूरी तैयारी का दावा कर रही हैं।पश्चिम रेलवे ने एक बयान में कहा कि गुजरात के बिपरजॉय(cyclone biparjoy) प्रभावित क्षेत्रों से चलने वाली, वहां से जाने वाली या समाप्त होने वाली लगभग 95 ट्रेनें 15 जून तक रद्द या शॉर्ट-टर्मिनेटेड रहेंगी।भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, चक्रवात बिपारजॉय(biparjoy live) के 15 जून को गुजरात के सौराष्ट्र और कच्छ क्षेत्रों और पाकिस्तान के आस-पास के तटों पर उतरने की उम्मीद है।इससे पहले पश्चिम रेलवे के महाप्रबंधक अशोक कुमार मिश्रा ने कहा, 'हम चक्रवात 'बिपरजोय'(live cyclone ) की लगातार निगरानी कर रहे हैं। हमने अपने मुख्यालय में एक आपदा नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और भुज, गांधीदम, पोरबंदर और ओखा में एडीआरएम भी तैनात किए हैं।' आज पोरबंदर में हवा की गति बढ़ने के कारण कुछ ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है. कल से गुजरात के तटीय इलाकों में जाने वाली सभी ट्रेनें रद्द रहेंगी। पदा प्रबंधन कक्ष को सक्रिय कर दिया गया है और फील्ड स्टाफ को अलर्ट मोड पर रखा गया है। भावनगर, राजकोट, अहमदाबाद और गांधीधाम में आपातकालीन नियंत्रण कक्ष खोले गए हैं। अतिरिक्त हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय कर दिए गए हैं।

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क्यों खतरनाक है बिपरजॉय

  • शक्तिशाली चक्रवात के गुरुवार को कच्छ जिले में जखाऊ बंदरगाह के पास पहुंचने की आशंका को देखते हुए गुजरात में अधिकारियों ने मंगलवार को तटीय क्षेत्रों से 30,000 लोगों को अस्थायी आश्रय स्थलों में स्थानांतरित कर दिया।
  • अधिकारियों के मुताबिक, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें स्टैंडबाय पर हैं। सेना भी राहत प्रयासों में सहायता के लिए तैयार है, और रणनीतिक स्थानों पर बाढ़ राहत टुकड़ियों को तैनात किया है। सेना ने नागरिक प्रशासन और एनडीआरएफ के साथ अपनी योजनाओं का समन्वय किया है।
  • केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आभासी बैठक में चक्रवात के लिए गुजरात की तैयारियों की समीक्षा की। श्री शाह ने राज्य सरकार से संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की व्यवस्था करने और यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि इन क्षेत्रों में बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य सेवा और पेयजल सहित सभी आवश्यक सेवाएं उपलब्ध हैं।
  • राज्य के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे ने कहा, "हमने पहले ही तट के पास रहने वाले लोगों को निकालना शुरू कर दिया है, जो भूस्खलन के दौरान सबसे अधिक प्रभावित होने की संभावना है। अब तक, विभिन्न जिला प्रशासन ने लगभग 30,000 लोगों को अस्थायी आश्रयों में स्थानांतरित कर दिया है।" समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से।
  • अहमदाबाद आईएमडी के निदेशक मनोरमा मोहंती के अनुसार, चक्रवात के कच्छ में मांडवी और पाकिस्तान में कराची के बीच गुरुवार की शाम को जखाऊ बंदरगाह के पास से गुजरने की उम्मीद है, हवा की गति 125-135 किमी प्रति घंटे से लेकर 150 किमी प्रति घंटे तक है।
  • आईएमडी ने सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र के तटीय भागों में तेज हवाओं के साथ अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। चेतावनी विशेष रूप से कच्छ, पोरबंदर और देवभूमि द्वारका जिलों के लिए है।
  • "इसके लैंडफॉल करने और कमजोर होने के बाद, चक्रवात की गति उत्तर-पूर्व की ओर रहने की संभावना है और इसके अत्यधिक दक्षिण राजस्थान की ओर बढ़ने की उम्मीद है। यह 15-17 जून तक उत्तर गुजरात में भारी से बहुत भारी बारिश लाएगा," सुश्री सुश्री मोहंती ने समाचार एजेंसी पीटीआई के हवाले से कहा।
  • रेस्क्यू ऑपरेशन दो चरणों में चलाया जा रहा है. पहले चरण में समुद्र के किनारे 0 से 5 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को निकाला जा रहा है. दूसरे चरण में, तट के 5 से 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले लोगों को निकाला जाएगा, श्री पांडे ने कहा।
  • आसन्न चक्रवात के मद्देनजर, 17 एनडीआरएफ और 12 एसडीआरएफ टीमों को देवभूमि द्वारका, राजकोट, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर, गिर सोमनाथ, मोरबी और वलसाड के प्रभावित जिलों में स्टैंडबाय पर रखा गया है।
  • पश्चिम रेलवे ने यात्रियों की सुरक्षा और ट्रेन संचालन को सुनिश्चित करने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं। 69 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया है, 32 ट्रेनों को उनके गंतव्य से पहले समाप्त कर दिया गया है, और 26 ट्रेनों को उनके स्रोत से पहले ही शुरू कर दिया गया है।

क्या कहना है केंद्र सरकार का

केंद् सरकार का कहना है कि किसी भी खतरे का सामना करने के लिए संबंधित राज्य सरकारों को पूरी मदद की जा रही है।

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ललित राय author

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