सिकल सेल एनीमिया के खिलाफ लड़ाई क्यों है जरूरी, देश की 7 करोड़ आबादी प्रभावित
Sickle Cell Anemia Eradication: मध्य प्रदेश के शहडोल जिले से पीएम नरेंद्र मोदी ने सिकल सेल एनीमिया के खात्मे के अभियान को शुरू किया।
सिकल सेल एनीमिया से आदिवासी समाज ज्यादा प्रभावित
Sickle Cell Anemia Eradication: शनिवार को पीएम नरेंद्र मोदी ने मध्य प्रदेश के शहडोल से सिकल सेल एनीमिया इरैडिकेशन 2047 को लांच किया। इसका मकसद सात करोड़ से अधिक आदिवासी समाज के लोगों को इस रोग से मुक्ति दिलाना है। उस खास मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि दुनिया में जितने भी केस इस रोग से संबंधित आते हैं उनमें से आधा हिस्सा भारत का है। यह दुख की बात है कि आजादी के 70 साल बीत जाने के बाद भी इस रोग के निवारण पर ध्यान नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि वैसे तो यह रोग कमोबेश समाज के सभी हिस्सों में है।लेकिन आदिवासी समाज में इसकी संख्या सबसे अधिक है और उस दर्द-परेशानी को समझते हुए सरकार ने महत्वाकांक्षी योजना की शुरुआत की है।
17 राज्यों में मिशन होगा लागू
सिकल सेल के खात्मे के लिए अभियान चलाए जाने का ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मे बजट 2023 में किया था। इसके जरिए बड़े पैमाने पर जनजागरण के जरिए ट्राइबल इलाकों में 0 से 40 की उम्र में सिकल रोग को चिन्हित और इलाज करना है। इस मिशन को 17 राज्यों के 287 जिलों में लाग किया जाएगा। गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, तमिलनाडू, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, असम, उत्तर प्रदेश, केरला, बिहार और उत्तराखंड शामिल हैं।
क्या है सिकल सेल एनीमिया
सिकल सेल एनीमिया एक तरह का ब्लड डिस्ऑर्डर यानी में रक्त में दोष होता है, यह पीढ़ी दर पीढ़ी चलती रहती है। इस रोग में ऑक्सीजन ले जाने वाली लाल रक्त कोशिकाओं पर असर पड़ता है। जो लोग इससे प्रभावित होते हैं उनमें ब्लड का बहाव कम होता है इसके साथ ही 6 महीने की उम्र में शरीर में कुछ खास बदलाव नजर आने लगते हैं। खास तौर से हाथ, पैर, जोड़, ऑस्टियोपोरोसिस, लगातार जॉन्डिस का होना, लिवर में सूजन, गाल ब्लेडर में परेशानी खास लक्षण हैं। जिन लोगों को यह रोग होता है उन्हें सिकल सेल कैरियर्स या सिकल रोगी कहते हैं। जो कैरियर होते हैं उनमें स्थाई तौर पर यह लक्षण नजर नहीं आते हैं। लेकिन वो अपने बच्चों में पास कर देते हैं।
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