2020 के बाद से क्यों बंद है कैलाश मानसरोवर यात्रा? जानिए सरकार ने संसद में क्या बताया

2020 में कोविड महामारी के कारण भारत और चीन के बीच सीधी उड़ानें निलंबित कर दी गई थीं और प्रतिबंध हटने के बावजूद तब से फिर से शुरू नहीं हुई हैं।

कैलाश मानसरोवर

Kailash Manasarovar Yatra: कैलाश मान सरोवर यात्रा क्यों बंद है, इसका जवाब आज सरकार ने संसद में दिया। एक प्रश्न के जवाब में विदेश मंत्रालय ने संसद में बताया कि कोविड-19 प्रकोप और उसके बाद लगाए गए प्रतिबंधों के कारण 2020 से कैलाश मानसरोवर यात्रा नहीं हुई है। साल 2020 के बाद से ही कैलाश मानसरोवर यात्रा के दोनों आधिकारिक रूट भारतीयों के लिए बंद हैं। हिंदू मानते हैं कि कैलाश मानसरोवर भगवान शिव का निवास स्थान है और इसलिए इसे बेहद पवित्र मानते हैं।

लिपुलेख दर्रे को पार कर कैलाश मानसरोवर यात्रा

बता दें कि कैलाश मानसरोवर, तिब्बत में स्थित है, जो चीन के अधीन है। कैलाश पर्वत ट्रांस-हिमालयी क्षेत्र का एक हिस्सा है, और हिंदू मानते हैं कि यह भगवान शिव का निवास स्थान है। उत्तराखंड के धारचूला से होते हुए लिपुलेख दर्रे को पार कर कैलाश मानसरोवर यात्रा की जाती थी। सिक्किम से नाथुला दर्रे को पार कर भी कैलाश मानसरोवर पहुंचने का रास्ता खोला गया था।

चीन ने पिछले साल नेपाल के रास्ते अपनी सीमाएं खोली थी, लेकिन भारतीयों के लिए नियम काफी सख्त कर दिए गए। यात्रा के लिए फीस बढ़ाने समेत कई पाबंदियां लगा दी गईं, जिससे भारतीयों के लिए कैलाश यात्रा पर जाना नामुमकिन हो गया। इस साल जनवरी में सिर्फ 38 भारतीय इसके दर्शन कर सके। इन्होंने नेपाल के नेपालगंज से चार्टर्ड विमान से कैलाश मानसरोवर के हवाई दर्शन किए।

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