भारतीय करेंसी नोटों पर महात्मा गांधी की तस्वीर क्यों? हो चुकी है गहन चर्चा, लोकसभा में अरुण जेटली ने कही थी ये बात

Indian currency notes : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पीएम नरेंद्र मोदी से भारतीय करेंसी नोटों पर भगवान गणेश और लक्ष्मी के चित्र छापने पर विचार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि नए नोटों पर एक तरफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर और दूसरी तरफ भगवान गणेश और लक्ष्मी के चित्र छापे जा सकते हैं। आइए जानते हैं महात्मा गांधी की ही तस्वीर भारतीय करेंसी नोटों पर क्यों है?

Mahatma Gandhi on currency notes

रुपए पर गांधी की तस्वीर क्यों है?

Indian currency notes : करेंसी किसी भी देश की संप्रभुता का प्रतीक है। अक्सर अधिकतर देश अपनी मुद्रा पर अपने देश के उन नेताओं को तस्वीरें दर्शाती हैं जिन्होंने अपने देश के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। जैसे चीन ने अपने नोटों पर माओत्से तुंग की तस्वीर, पाकिस्तान ने जिन्ना की तस्वीर लगाई है। उसी तरह भारत ने भी अपनी मुद्रा पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की तस्वीर को स्थान दिया है।
अब दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने भारत सरकार से भारतीय करेंसी नोटों पर देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश की तस्वीरें लगाने की अपील की है। केजरीवाल ने सुझाव दिया कि नए नोटों पर एक तरफ राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की तस्वीर और दूसरी तरफ भगवान गणेश और लक्ष्मी के चित्र छापे जा सकते हैं। लेकिन RBI और केंद्र सरकार ने पहले ही किसी अन्य की तस्वीर छापने को लेकर पहले विराम लगा दिया था।

भारतीय करेंसी नोटों पर गांधी की तस्वीर क्यों?

भारतीय मुद्रा नोट (ICN) पर इसको लेकर एक RTI जवाब में आर्थिक मामलों के विभाग की अतिरिक्त सचिव मनीषा सिन्हा ने पुणे के एक बिजनेसमैन प्रफुल्ल सारदा को भेजा था। सरकार ने कहा था कि आरबीआई द्वारा गठित एक उच्च स्तरीय पैनल (अक्टूबर 2010) ने ICN डिजाइन पर अन्य प्रतिष्ठित व्यक्तियों, भारत रत्नों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, स्वतंत्रता सेनानियों या खिलाड़ियों को शामिल करने की आवश्यकता पर विस्तार से विचार किया था।
तत्कालीन प्रधान मंत्री डॉ मनमोहन सिंह की सलाह पर गठित उच्च स्तरीय स्क्रीनिंग कमेटी ने महसूस किया कि महात्मा गांधी से बेहतर कोई अन्य व्यक्तित्व भारत के लोकाचार का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता। नॉर्थ ब्लॉक से भेजे गए आरटीआई के जवाब में घोषित किया गया कि इसलिए, बैंक नोटों के आगे और वॉटरमार्क पर महात्मा गांधी के चित्र को बनाए रखने का निर्णय लिया गया। सरकार ने सिफारिश को मंजूरी दे दी।
सारदा ने कहा कि मैंने पीएमओ से करेंसी नोटों पर डॉ बीआर अंबेडकर या सरदार पटेल की तस्वीरें छापने पर विचार करने के लिए कहा था, जिसके बाद सरकार ने जवाब दिया और मामला शांत हो गया था। उन्होंने कहा कि नोटों पर अन्य व्यक्तित्वों की तस्वीरें जोड़ने की विभिन्न मांगों के मद्देनजर पीएमओ को याचिका दी गई थी।

अरुण जेटली ने लोकसभा में ये कहा था

वर्ष 2014 में तत्कालीन वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा को बताया था कि आरबीआई के एक पैनल ने बैंक नोटों पर गांधी की तस्वीर को किसी अन्य नेता के साथ बदलने के सुझावों को खारिज कर दिया है। उन्होंने कहा कि कमिटी ने फैसला किया कि महात्मा गांधी से बेहतर कोई अन्य व्यक्तित्व भारत के लोकाचार का प्रतिनिधित्व नहीं कर सकता है।
वर्ष 2014 में एक व्याख्यान के दौरान आरबीआई के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन से पूछा गया था कि होमी भाभा या रवींद्रनाथ टैगोर जैसी हस्तियों को रुपए के नोटों पर क्यों नहीं दिखाया गया। इस पर राजन ने जवाब दिया कि निश्चित रूप से कई महान भारतीय हस्तियां हैं लेकिन महात्मा गांधी सभी से ऊपर हैं। उन्होंने कहा कि कई महान भारतीय हैं जिन्हें नोटों पर चित्रित किया जा सकता है लेकिन इस पर विवाद हो सकता है।

भारतीय करेंसी नोटों पर कब से छपने लगी गांधी की तस्वीर

वर्ष 1969 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) 100 रुपए का एक स्मारक नोट लेकर आया, जिसमें महात्मा गांधी को सेवाग्राम आश्रम की पृष्ठभूमि में बैठे हुए दिखाया गया था। लेकिन बापू की तस्वीर ने अक्टूबर 1987 में भारतीय करेंसी नोटों पर अपनी नियमित उपस्थिति दर्ज की। गांधी जी की तस्वीर के साथ 500 रुपए के नोटों की एक सीरीज शुरू की गई। तब से गांधी के चित्र को विभिन्न नोटों पर नियमित रूप से चित्रित किया गया। आरबीआई ने करेंसी नोटों पर अतिरिक्त फीचर डालीं और 1996 में एक नई महात्मा गांधी सीरीज जारी की गई।
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रामानुज सिंह author

रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट एडिटर के तौर पर काम कर रहे हैं। वह बिजनेस टीम में ...और देखें

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