मोदी के गुजरात सहित इन जगहों में भी शराब बैन,जानें बिहार में क्यों फेल हो रहे हैं नीतीश कुमार

Chhapra Hooch Tragedy: इस समय देश के 5 राज्य हैं, जहां पर शराब बैन है। इसमें गुजरात, बिहार, मिजोरम, नगालैंड और लक्षद्वीप शामिल हैं। इन राज्यों में सबसे पहले नगालैंड में शराबबंदी लागू हुई थी। वहां पर 1989 से शराब बंदी लागू है। जबकि गुजरात में 2009 से, मिजोरम में 2014 से, बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है।

Nitish Kumar

बिहार में जहरीरी शराब नीतीश के लिए बनी चैलेंज

मुख्य बातें
  • छपरा में अब तक 33 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हो चुकी है।
  • जुलाई 2022 में जहरीली शराब पीने से गुजरात में 42 लोगों की मौत हुई थी।
  • नीतीश कुमार बोले जो शराब पिएगा वो मरेगा।

Bihar Hooch Tragedy: बिहार के छपरा (Chhapra)में जहरीली शराब (Hooch Tragedy)पीकर मरने वाले लोगों की संख्या 33 हो गई है। विपक्ष के निशाने पर चल रहे नीतीश (Nitish Kumar)कुमार ने इस बीच ऐसा बयान दिया है, जिससे उनकी झुझलाहट दिख रही है। नीतीश कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा, 'जहरीली शराब से शुरू से लोग मरते हैं, इससे अन्य राज्यों में भी लोग मरते हैं। लोगों को सचेत रहना चाहिए क्योंकि जब शराब बंदी है तो खराब शराब मिलेगी ही। जो शराब पिएगा वो मरेगा। इस पर पूरी तरह से एक्शन होगा।' मुख्यमंत्री के इस बयान का सीधा मतलब है कि उन्होंने जहरीली शराब से मौत का जिम्मेदार उन लोगों को ठहराया है कि जो लोग शराब पी रहे हैं। साथ ही इसके लिए उनकी सरकार जिम्मेदार नहीं है। लेकिन एक हकीकत यह भी है पिछले 2 साल में बिहार में अब तक 170 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।

इन 5 राज्यों में शराब बैन

इस समय देश के 5 राज्य हैं, जहां पर शराब बैन है। इसमें गुजरात, बिहार, मिजोरम, नगालैंड और लक्षद्वीप शामिल हैं। इन राज्यों में सबसे पहले नगालैंड में शराबबंदी लागू हुई थी। वहां पर 1989 से शराब बंदी लागू है। जबकि गुजरात में 2009 से, मिजोरम में 2014 से, बिहार में 2016 से शराबबंदी लागू है। वही केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में बांगाराम द्वीप को छोड़कर सभी जगहों पर शराबबंदी लागू है।

जिन राज्यों में शराब बैन वहां क्या है हाल

  • अगर साल 2022 के मामले देखे जाए तो इस साल गुजरात और बिहार में जहरीली शराब पीने से मरने वालों के मामले सुर्खियों में रहे। गुजरात के बोटाड और अहमदाबाद में जुलाई 2022 में जहरीली शराब पीने से 42 लोगों की मौत हुई थी। वहीं एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार 2020 में 4 और 2021 में 10 लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी।
  • वही मिजोरम में 2021 में एक और साल 2021 में एक भी मौत नही हुई थी।
  • इसी तरह नगालैंड में 2020 और 2021 में एक भी मौत नहीं हुई थी।
  • ऐसी ही लक्षद्वीप में इन दो वर्षों में एक भी मौत नहीं हुई थी।

बिहार में शराबबंदी की पोल खोलता नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे

बिहार में शराबबंदी कितनी असरदार है, उसकी साल 2020 में नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वें-5 की आई रिपोर्ट भी पोल खोलती है। सर्वे के अनुसार बिहार में 15 साल की उम्र और उससे ज्यादा के 15 फीसदी लोग शराब पी रहे हैं। इसमें ग्रामीण क्षेत्र में 14 फीसदी तो शहर में 15 फीसदी लोग शराब पी रहे हैं। साफ है कि ड्राई स्टेट होने के बावजूद शराब की अवैध बिक्री पर लगाम नहीं लग पा रही है।

इसके पहले नवंबर 2021 में न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार गोपाल गंज, समस्तीपुर, बेतिया और मुजफ्फरपुर में 50 से ज्यादा लोगों की जहरीली शराब पीने से मौत हुई थी। और तीन दर्जन से ज्यादा लोगों की आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई थी। गोपलागंज का 2016 का खजूरबानी कांड भी काफी चर्चा में रहा था। वहां पर जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत हो गई थी।

ऐसे चल रहा है गोरखधंधा

इस मामले में टाइम्स नाउ नवभारत ने गोपालगंज में स्थानीय निवासियों से बात की, तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आई। स्थानीय निवासियों के अनुसार वहां पर खेतों में जमीन के अंदर छुपाकर अवैध शराब का धंधा चलाया जा रहा था। इसके तहत लोगों ने गन्ने और धान के खेत में छुपाकर देसी शराब का उत्पादन किया। एक बात और साफ है कि मिली भगत के बिना कुछ नहीं हो सकता है। एक अन्य व्यक्ति कहते हैं देखिए इलाके में पूरा एक नेटवर्क तैयार हो गया है। इसकी वजह से देसी ही नहीं ब्रांडेड शराब भी आसानी से मिल जाती है। लोग स्कूटी, बाइक, ट्रक, बस, जीप, कार आदि के जरिए सप्लाई करते हैं। इसके लिए यूपी बार्डर सबसे आसान जरिया बन गया है।इसके अलावा झारखंड, नेपाल से शराब की बड़ी खेप तस्करी कर लाई जा रही है।

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लेटेस्ट न्यूज

प्रशांत श्रीवास्तव author

करीब 17 साल से पत्रकारिता जगत से जुड़ा हुआ हूं। और इस दौरान मीडिया की सभी विधाओं यानी टेलीविजन, प्रिंट, मैगजीन, डिजिटल और बिजनेस पत्रकारिता में काम कर...और देखें

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