वो 8 कारण जिसके चलते लगा PFI पर बैन, सिमी का उत्तराधिकारी या फिर अलकायदा की परछाई?

देश भर में कई छापे और केंद्रीय एजेंसियों द्वारा कई गिरफ्तारियों के बाद कट्टरपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) पर बुधवार को गृह मंत्रालय ने पांच साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। पीएफआई के अलावा उसके अन्य आठ सहयोगी संगठनों पर भी सरकार ने बैन लगा दिया है।

मुख्य बातें
  • पीएफआई के खिलाफ एनआईए कर रही है जांच
  • अब तक PFI के सैकड़ों सदस्य हो चुके हैं गिरफ्तार
  • पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचने का भी है PFI पर आरोप

केंद्र की मोदी सरकार ने पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर पांच साल के लिए बैन लगा दिया है। बैन के बाद सवाल उठ रहा है कि वो क्या कारण थे, जिसके चलते पीएफआई पर बैन लगा है। पीएफआई के बारे में कहा जाता है कि वो भारत में पहले से ही प्रतिबंधित संगठन सिमी से जुड़ा हुआ है, साथ ही अलकायदा से भी उसके संबंध हैं।

आइए जानते हैं वो कारण...
  1. सरकार ने बैन के कारणों को बताते हुए कहा कि पीएफआई देश में आतंकवाद का समर्थक रहा है।
  2. PFI गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त था जिससे देश की सुरक्षा को खतरा था। यह संगठन देश में सांप्रदायिक सद्भाव और शांति को भंग कर सकता था।
  3. पीएफआई के संस्थापक सदस्य प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) के नेता हैं और जमात-उल-मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) से जुड़े हैं।
  4. पीएफआई इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया (आईएसआईएस) जैसे वैश्विक आतंकवादी संगठनों से जुड़ा हुआ है।
  5. पीएफआई देश में कट्टरता और असुरक्षा की भावना को बढ़ावा देता है।
  6. आतंकी गतिविधियों के लिए पीएफआई को विदेशों से फंड मिल रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा को खतरा है।
  7. पीएफआई के सदस्य हिंसक कामों में शामिल रहे हैं, जैसे एक प्रोफेसर का हाथ काटना, सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाना।
  8. यूपी, कर्नाटक और गुजरात ने पीएफआई पर बैन लगाने की मांग की थी।

पूर्व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने बैन से एक दिन पहले दावा किया था कि पीएफआई आईएसआई का भारत में प्रतिनिधि है और अल-कायदा की परछाई है। इसलिए वो देश को तोड़ना और शांति और सद्भाव को बिगाड़ना चाहता है। उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

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