AM-PM में अंतर नहीं समझते तो ये PMO कैसे चलाएंगे?', राहुल पर क्यों भड़क गए थे प्रणब मुखर्जी, शर्मिष्ठा ने बताया

Sharmishtha Mukherjee Book: शर्मिष्ठा मुखर्जी की इस किताब ने कांग्रेस नेताओं एवं उनके पिता के रिश्तों के बारे में एक नई बहस छेड़ दी है। किताब में उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अपने पिता से मुलाकात की एक दिलचस्प घटना का भी जिक्र किया है।

rahul gandhi

राहुल गांधी और प्रणब मुखर्जी की फाइल फोटो।

Sharmishtha Mukherjee Book: कांग्रेस की परेशानियां खत्म नहीं हो रही हैं, अधीर रंजन चौधरी ने संसद में पार्टी की किरकिरी करवाई तो पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी की एक किताब भी कांग्रेस के लिए परेशानी की वजह बन रही है। प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने अपनी किताब 'प्रणब मॉय फादर' में सोनिया गांधी और राहुल गांधी के बारे में कई बड़े खुलासे किए हैं। मुखर्जी की इस किताब ने कांग्रेस नेताओं एवं उनके पिता के रिश्तों के बारे में एक नई बहस छेड़ दी है। किताब में उन्होंने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की अपने पिता से मुलाकात की एक दिलचस्प घटना का भी जिक्र किया है।

शाम की जगह सुबह मिलने आए थे राहुल

किताब के मुताबिक शर्मिष्ठा कहती हैं, 'एक बार प्रणब मुखर्जी मुगल गार्डन में टहल रहे थे। उन्हें पूजा पाठ और अपनी मॉर्निंग वॉक में किसी तरह की खलल पसंद नहीं थी। उसी वक्त राहुल गांधी प्रणब मुखर्जी से मिलने आ गए। और बातचीत करने लगे। जबकि प्रणब मुखर्जी और राहुल गांधी की मीटिंग शाम को थी। राहुल गांधी की टीम ने गलती से शाम की जगह पर मीटिंग सुबह बता दी थी। प्रणब मुखर्जी ने इस पर कहा था कि अगर राहुल गांधी की टीम AM और PM में अंतर नहीं समझती तो एक दिन ये PMO कैसे चलाएंगे।'

‘ताबूत में आखिरी कील’साबित हुआ अध्यादेश की प्रति फाड़ना

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी पर लिखी गई एक पुस्तक में दावा किया गया है कि 2013 में राहुल गांधी द्वारा एक अध्यादेश की प्रति फाड़े जाने की घटना से वह स्तब्ध रह गए थे। पुस्तक के मुताबिक, उन्होंने कहा था कि राहुल गांधी को गांधी-नेहरू परिवार से होने का ‘घमंड’ है, लेकिन उनमें उनके जैसा राजनीतिक कौशल नहीं है। पुस्तक के अनुसार, प्रणब ने यह भी कहा था कि वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में यह घटना (अध्यादेश की प्रति फाड़े जाने की घटना) कांग्रेस के लिए ‘ताबूत में आखिरी कील’साबित हुई। पुस्तक में दावा किया गया है कि प्रणब ने कहा था कि राहुल गांधी शायद राजनीतिक के लिए नहीं हैं।

2013 की है घटना

पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं पार्टी के संचार विभाग के प्रमुख अजय माकन द्वारा 27 सितंबर, 2013 को आयोजित संवाददाता सम्मेलन में राहुल गांधी पहुंचे थे और उन्होंने प्रस्तावित सरकारी अध्यादेश को ‘पूरी तरह से बकवास’ बताते हुए कहा था कि इसे फाड़ दिया जाना चाहिए। इसके बाद उन्होंने सभी को आश्चर्यचकित करते हुए अध्यादेश की प्रति फाड़ दी थी।

अध्यादेश का उद्देश्य दोषी सांसदों और विधायकों को तत्काल अयोग्य ठहराने संबंधी उच्चतम न्यायालय के आदेश को दरकिनार करना था, और इसके बजाय यह प्रस्तावित किया गया था कि वे उच्च न्यायालय में अपील लंबित रहने तक संसद एवं विधानमंडल सदस्य बने रह सकते हैं।

भारत के 13वें राष्ट्रपति थे प्रणब मुखर्जी

मुखर्जी भारत के वित्त मंत्री रहे थे और बाद में विदेश, रक्षा, वित्त और वाणिज्य मंत्री बने। वह भारत के 13वें राष्ट्रपति (2012 से 2017) थे। प्रणब मुखर्जी का 31 अगस्त, 2020 को 84 वर्ष की आयु में निधन हो गया। शर्मिष्ठा का कहना है कि हालांकि उनके पिता खुद इस अध्यादेश के खिलाफ थे और सैद्धांतिक तौर पर राहुल से सहमत थे। उन्होंने पुस्तक में लिखा है, ‘लेकिन राहुल के इस व्यवहार से वह आश्चर्यचकित थे। मैं ही वह व्यक्ति थी जिसने सबसे पहले उन्हें यह खबर दी थी। बहुत दिनों के बाद मैंने अपने पिता को इतना क्रोधित होते देखा! उनका चेहरा लाल हो गया था और उन्होंने कहा था, ‘वह (राहुल) खुद को क्या समझते हैं। वह कैबिनेट के सदस्य नहीं हैं। कैबिनेट के फैसले को सार्वजनिक रूप से खारिज करने वाले वह कौन होते हैं।’

उन्हें गांधी-नेहरू परिवार का होने का ‘घमंड’ है

मुखर्जी ने अपनी बेटी से कहा, ‘प्रधानमंत्री विदेश में हैं। क्या उन्हें (राहुल को) अपने व्यवहार के परिणाम और इसका प्रधानमंत्री और सरकार पर पड़ने वाले प्रभाव का एहसास भी है? उन्हें प्रधानमंत्री को इस तरह अपमानित करने का क्या अधिकार है?’ मुखर्जी ने इस घटना के बारे में अपनी डायरी में भी लिखा, ‘...यह पूरी तरह से अनावश्यक है। उन्हें खुद के गांधी-नेहरू परिवार का होने का ‘घमंड’ है।’ नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सत्ता में आने के साथ-साथ कांग्रेस लोकसभा में 44 सीट की अपनी सर्वकालिक न्यूनतम संख्या पर आ गई थी।

(एजेंसी इनपुट के साथ)

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