आखिर प्रशांत किशोर इतने खफा क्यों हैं, जब बोल बैठे इस 'कीमत' पर भी नहीं करेंगे काम

आखिर प्रशांत किशोर, नीतीश कुमार के खिलाफ तीखे बोल के पीछे की वजह क्या है। इस समय वो सूराज यात्रा पर है और जब उनसे पूछा गया कि क्या वो नीतीश जी के साथ रहेंगे तो जवाब करारा था।

prashant kishore

प्रशांत किशोर इस समय बिहार की यात्रा पर हैं

मुख्य बातें
  • सू-राज यात्रा पर हैं प्रशांत किशोर
  • करीब 3500 किमी लंबी यात्रा
  • 'मेरा जीवन पाक साफ'

सियासत में बयान और व्यवहार स्थाई नहीं होते। अगर ऐसा होता तो नेता आसानी से दल बदल नहीं कर पाते। आसानी ने अपनी बातों से मुकर नहीं पाते। हाल ही में जब नीतीश कुमार और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर की मुलाकात हुई तो कयास लगने लगे कि एक बार पीके, नीतीश कुमार के उस सपने को साकार करने में मदद कर सकते जिसका अंतिम पड़ाव दिल्ली की गद्दी है। लेकिन प्रशांत किशोर ने साफ कह दिया कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के लिए काम नहीं करेंगे भले ही नीतीश उनके लिए सीएम की कुर्सी खाली कर दें। उन्होंने लोगों से वादा किया है और इसे बदला नहीं जा सकता। उन्होंने यह भी खुलासा किया है कि उनके बीच पिछली बैठक में नीतीश कुमार के बिहार में एनडीए गठबंधन से बाहर निकलने और राज्य में महागठबंधन के मुख्यमंत्री बनने के बाद नीतीश कुमार द्वारा जेडीयू में शामिल होने का अनुरोध किया गया था। मैंने कहा नहीं, मैंने लोगों से वादा किया है और इसे बदला नहीं जा सकता।

प्रशांत किशोर-नीतीश कुमार मुलाकात

प्रशांत किशोर ने यात्रा के दौरान अपने संबोधन में लगातार नीतीश कुमार का जिक्र किया। प्रशांत किशोर ने कहा कि आप सभी को मीडिया में आई खबरों से पता चला होगा कि करीब 10-15 दिन पहले नीतीश कुमार ने मुझे अपने आवास पर बुलाया था। उन्होंने मुझे अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए कहा। मैंने कहा कि यह संभव नहीं है। 2014 (लोकसभा) चुनाव हारने के बाद, वह मुझसे दिल्ली में मिले, मदद मांगी। 2015 के विधानसभा चुनावों में महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में जीतने में उनकी सहायता की।

साथ, अलगाव , ,साथ?

प्रशांत किशोर 2018 में जेडीयू में शामिल हुए और राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने, लेकिन बाद में नागरिकता संशोधन अधिनियम को लेकर नीतीश कुमार से असहमति के बाद उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया।नीतीश कुमार ने हाल ही में प्रशांत किशोर पर भाजपा की ओर से काम करने का आरोप लगाया क्योंकि जेडीयू ने उनकी यात्रा के पीछे प्रशांत किशोर की फंडिंग के स्रोत पर सवाल उठाया था। प्रशांत किशोर ने इन शंकाओं का समाधान किया और कहा कि उनकी फंडिंग जानने के इच्छुक लोगों को यह भी पता होना चाहिए कि वो कभी भी दलाली में लिप्त नहीं हुए। राजनेता लंबे समय से मुझसे चुनाव जीतने के बारे में सलाह मांग रहे हैं। एक राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में मेरे ट्रैक रिकॉर्ड के लिए मीडिया ने प्रशंसा की है। लेकिन इससे पहले मैंने कभी किसी से पैसे उधार देने के लिए नहीं कहा। चंदा मांग रहा हूं। यह वह शुल्क है जो इस आंदोलन के निर्माण के लिए ले रहा हूं, जिसमें हमारे द्वारा यहां लगाए गए तंबू की तरह खर्च होता है।

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ललित राय author

खबरों को सटीक, तार्किक और विश्लेषण के अंदाज में पेश करना पेशा है। पिछले 10 वर्षों से डिजिटल मीडिया में कार्य करने का अनुभव है।और देखें

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