Vivekananda Rock : क्यों खास है विवेकानंद रॉक मेमोरियल, जहां पीएम मोदी लगाएंगे ध्यान

Vivekananda Rock : साल 1892 में स्वामी विवेकानंद इसी रॉक पर साधना में लीन हुए थे और ध्यान लगाया था। यहीं पर उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। कन्याकुमारी के ववातुराई बीच पर यह स्थान हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के संगम पर समुद्र दल से करीब 500 मीटर ऊपर स्थित है। इस रॉक तक पहुंचने के लिए ववातुराई से हर 15 मिनट पर बोट से पहुंचा जा सकता है।

इसी स्थान पर स्वामी विवेकानंद ने भी साधना की थी।

Vivekananda Rock : लोकसभा चुनाव प्रचार खत्म हो जाने के बाद हर बार की तरह इस बार भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ध्यान लगाएंगे। इस बार ध्यान लगाने के लिए उन्होंने कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक को चुना है। प्रधानमंत्री मोदी यहां 30 मई की शाम और एक जून को ध्यान की मुद्रा में दिखाई देंगे। बता दें कि अंतिम चरण के लिए मतदान एक जून को होगा। 2019 के लोकसभा चुनाव का अपना चुनावी अभियान खत्म करने के बाद पीएम मोदी उत्तराखंड के केदारनाथ धाम पहुंचे थे और यहां की गुफा में उन्होंने 15 घंटे का लंबा एकांतवास किया था। ध्यान लगाने के लिए विवेकानंद रॉक मेमोरियल का चुनाव खास है।

1892 में यहीं साधना में लीन हुए थे विवेकानंद

कहा जाता है कि साल 1892 में स्वामी विवेकानंद इसी रॉक पर साधना में लीन हुए थे और ध्यान लगाया था। यहीं पर उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ था। कन्याकुमारी के ववातुराई बीच पर यह स्थान हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के संगम पर समुद्र दल से करीब 500 मीटर ऊपर स्थित है। इस रॉक तक पहुंचने के लिए ववातुराई से हर 15 मिनट पर बोट से पहुंचा जा सकता है। विवेकानंद के अनुयायियों का मानना है कि उन्होंने तीन दिन और तीन रात तक इस रॉक पर ध्यान लगाया जिसके बाद उन्हें ज्ञान प्राप्त हुआ। कहा जाता है कि ज्ञान की खोज में विवेकानंद चार वर्षों तक देश भर में घूमते रहे फिर जाकर कन्याकुमारी में उन्हें एक साधना करने की उपयुक्त जगह मिली। यहीं पर उन्होंने अपने जीवन दर्शन को एक रूप दिया। इस स्थान का पौराणिक महत्व भी है। कहा जाता है कि देवी पार्वती ने इसी स्थान पर एक पैर पर खड़े होकर भगवान शिव का इंतजार किया था

End Of Feed