बलात्कार के अपराधियों के लिए फांसी की सजा तय करेंगे, कोलकाता रैली में बीजेपी पर बरसीं ममता बनर्जी

कोलकाता रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपे हुए 16 दिन बीत चुके हैं, न्याय कहां है। जानिए ममता ने क्या-क्या आरोप लगाए।

Mamata bengal 1

ममता बनर्जी

Mamata Banerjee in Kolkata rally- पश्चिम बंगाल में भाजपा द्वारा आहूत बंद को लेकर सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा को निशाने पर लिया। साथ ही ममता ने बलात्कारियों के लिए फांसी की सजा तय करने की भी बात कही। ममता ने कहा कि बंद का उद्देश्य बंगाल को बदनाम करना है, यह आरजी कर अस्पताल बलात्कार-हत्या मामले की जांच को पटरी से उतारने की साजिश है। ममता ने कहा कि अगर राज्य सरकार के पास शक्ति होती, तो हम डॉक्टर की हत्या के आरोपियों को सात दिन के भीतर फांसी की सजा दिलाते।

बलात्कार-हत्या मामले में दोषियों को मृत्युदंड

तृणमूल कांग्रेस की छात्र शाखा की रैली में ममता ने कहा कि हम डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले में दोषियों को मृत्युदंड दिलाने के लिए आंदोलन शुरू करेंगे। हम विधानसभा में राज्य कानूनों में अगले सप्ताह संशोधन पारित करेंगे और बलात्कार के अपराधियों के लिए फांसी की सजा तय करेंगे। ममता ने कहा, मैं प्रदर्शनकारी जूनियर डॉक्टरों से आग्रह करती हूं कि वे अब काम पर लौट आएं, हम उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेंगे।

कोलकाता रैली में ममता बनर्जी ने कहा कि डॉक्टर बलात्कार-हत्या मामले की जांच सीबीआई को सौंपे हुए 16 दिन बीत चुके हैं, न्याय कहां है। ममता ने आरोप लगाया कि भाजपा एआई का उपयोग कर बड़े पैमाने पर साइबर अपराध कर रही है जिससे सामाजिक अशांति पैदा हो रही है।

पश्चिम बंगाल में 12 घंटे का बंद

पश्चिम बंगाल में 12 घंटे का बंद आहूत करने की कोशिश में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं की कई स्थानों पर बुधवार को पुलिस से झड़प हुई। सुबह से ही सड़कों और रेल की पटरियों को अवरुद्ध करने के लिए पूर्व राज्यसभा सदस्य रूपा गांगुली और विधायक अग्निमित्रा पॉल समेत कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया है। भाजपा ने मंगलवार को ‘नबान्न अभियान’ में भाग लेने वाले लोगों के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के विरोध में बुधवार को बंगाल बंद का आह्वान किया जो आज सुबह छह बजे शुरू हो गया।

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल में एक चिकित्सक के साथ दुष्कर्म और हत्या की घटना को लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग करते हुए राज्य सचिवालय (नबान्न) तक मार्च निकाला गया था। यह मार्च एक नवगठित छात्र समूह छात्र समाज ने आयोजित किया था। इस बंद से राज्य में जनजीवन आंशिक रूप से प्रभावित हुआ है और कई लोग सड़कों पर उपद्रव की आशंका से अपने घरों में ही मौजूद हैं। राजधानी कोलकाता में सड़कों पर चहल-पहल कम है। सड़कों पर बहुत कम बस, ऑटो रिक्शा और टैक्सी नजर आ रही हैं। निजी वाहनों की संख्या भी कम है। हालांकि, बाजार और दुकानें पहले की तरह खुली हैं।

स्कूल और कॉलेज खुले हैं लेकिन ज्यादातर निजी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति बेहद कम है क्योंकि उन्हें घर से काम करने को कहा गया है। सरकारी कार्यालयों में उपस्थिति पहले की तरह सामान्य है। बंद लागू करवाने की कोशिश के लिए राज्य में कई भाजपा नेताओं को हिरासत में लिया गया है।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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