क्या EVM, बैलेट पेपर से हटेगा चुनाव चिन्ह, लगेगी उम्मीदवारों की तस्वीर? सुप्रीम कोर्ट में 31 अक्टूबर को सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट सोमवार, यानी 31 अक्टूबर को उस याचिका पर सुनवाई करेगी। जिसमें EVM या मतपत्र पर पार्टी के चिन्ह के इस्तेमाल को अवैध-असंवैधानिक और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit) की अध्यक्षता वाली बैंच इस पर सुनवाई करेगी।
सुप्रीम कोर्ट
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, यानी 31 अक्टूबर को एक याचिका पर सुनवाई करने का फैसला किया है। जिसमें चुनाव आयोग को मतपत्र (Ballot paper) और EVM से चुनाव चिन्ह हटाने और इसे उम्मीदवारों के नाम, आयु, शैक्षणिक योग्यता और फोटो से बदलने का निर्देश देने की मांग की गई है। भारत के चीफ जस्टिस यूयू ललित (UU Lalit) की अध्यक्षता वाली बैंच सोमवार को मामले की सुनवाई करेगी।
अधिवक्ता अश्विनी उपाध्याय द्वारा दायर याचिका में ईवीएम पर पार्टी के चिन्ह के इस्तेमाल को अवैध-असंवैधानिक और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14, 15 और 21 का उल्लंघन घोषित करने का निर्देश देने की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि राजनीति में भ्रष्टाचार और अपराधीकरण को खत्म करने का सबसे अच्छा उपाय है कि मतपत्र और ईवीएम पर राजनीतिक दल के प्रतीकों को उम्मीदवारों के नाम, आयु, शैक्षिक योग्यता और फोटो के साथ बदल दिया जाए।
याचिका में कहा गया है कि भारत के चुनाव आयोग को ईवीएम पर उम्मीदवारों के 'नाम, आयु, शैक्षिक योग्यता और फोटो' का उपयोग करने का निर्देश दें, ताकि चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों को समान अवसर प्रदान किया जा सके और भ्रष्टाचार (corruption), जातिवाद (casteism), सांप्रदायिकता (communalism), क्षेत्रीयवाद (regionalism), भाषावाद (linguism) और भाई-भतीजावाद (nepotism) को खत्म किया जा सके।
इसमें कहा गया है कि बिना राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह वाले मतपत्र और ईवीएम के कई फायदे हैं क्योंकि इससे मतदाताओं को वोट देने और बुद्धिमान मेहनती और ईमानदार उम्मीदवारों का समर्थन करने में मदद मिलेगी।
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रामानुज सिंह author
रामानुज सिंह अगस्त 2017 से Timesnowhindi.com के साथ करियर को आगे बढ़ा रहे हैं। यहां वे असिस्टेंट ...और देखें
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