राजनीति में आने के सवाल पर क्या बोले पूर्व CJI डीवाई चंद्रचूड़, बताया रिटायर होने के बाद समय कैसे कटता है

India Economic Conclave 2024: टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नविका कुमार ने उनसे पूछा कि भविष्य में क्या वह राजनीति में आएंगे। इस सवाल पर पूर्व सीजेआई ने पहले कहा कि 'मैं नहीं जानता'। हालांकि, फिर बाद में कहा कि भविष्य में क्या छिपा है, उसके बारे में कोई नहीं जानता लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि भविष्य में वह कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे कि उनके पेशे या न्यायपालिका की छवि खराब हो।

Former CJI

टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में पूर्व सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़।

India Economic Conclave 2024: सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश पद से रिटायर होने के बाद जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की दिनचर्या कैसी है। इस बारे में उन्होंने खुद बताया है। पूर्व सीजेआई ने कहा कि वह इन दिनों पियानो बजाना सीख रहे हैं। किताबें पढ़ रहे हैं और संगीत भी सुन रहे हैं। पूर्व सीजेआई ने कहा कि वह अध्यापन करना और युवाओं से बातचीत करना चाहते हैं। पूर्व प्रधान न्यायाधीश ने ये बातें टाइम्स नेटवर्क के इंडिया इकोनॉमिक कॉन्क्लेव 2024 में कहीं। टाइम्स नाउ और टाइम्स नाउ नवभारत की ग्रुप एडिटर-इन-चीफ नविका कुमार ने उनसे पूछा कि भविष्य में क्या वह राजनीति में आएंगे। इस सवाल पर पूर्व सीजेआई ने पहले कहा कि 'मैं नहीं जानता'। हालांकि, फिर बाद में कहा कि भविष्य में क्या छिपा है, उसके बारे में कोई नहीं जानता लेकिन उन्होंने यह जरूर कहा कि भविष्य में वह कोई ऐसा काम नहीं करेंगे जिससे कि उनके पेशे या न्यायपालिका की छवि खराब हो क्योंकि भारतीय समाज में एक जज को हमेशा एक जज के रूप में ही देखा जाता है।

पढ़ाना चाहते हैं पूर्व सीजेआई

सीजेआई ने बताया कि उनकी मां खुद क्लासिकल सिंगर रही हैं। संगीत उन्हें बचपन से पसंद है। वह इंडियन क्लासिकल, वेस्टर्न, पॉप, बीटल भी सुनते हैं। उन्होंने कहा कि वह पढ़ाना और युवाओं से बातचीत करना चाहते हैं। चूंकि रिटायर हो गए हैं तो परिवार के साथ ज्यादा समय बीताने का मौका मिल रहा है और यात्रा भी हो रही है।

'पोस्टर ब्वॉय' से 'बैड ब्वॉय' बनने पर क्या कहा

नाविका कुमार के सवाल पर कि सीजेआई बनने पर वह देश के लिबरल इको सिस्टम के 'पोस्टर ब्वॉय' बन गए लेकिन अनुच्छेद 370 जैसे फैसलों के बाद उनकी छवि 'बैड ब्वॉय' की हो गई, इस पर उन्होंने कहा कि 'जज फैक्ट्स पर फैसला सुनाते हैं, रिटायर होने से ठीक पहले मेरे फैसलों को देखिए-यूपी मदरसा और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय का फैसला, यह दूसरी तस्वीर है।' संविधान आपको नास्तिक होने के लिए नहीं कहता, आप आस्तिक भी हो सकते हैं।

'कौन ज्यादा सही या ज्यादा गलत, इस पर भी लड़ाई'

बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष खुदकुशी मामले पर उन्होंने कहा कि सच्चाई हमें पता नहीं है। रिपोर्ट दोनों तरफ से हैं। पत्नी-पति के मामले में दोनों के बीच क्या हुआ होगा, इसका बारे में हम आप कल्पना नहीं कर सकते। पति-पत्नी के बीच विवाद केवल सही और गलत को लेकर ही नहीं होता बल्कि उनके बीच कौन ज्यादा सही और कौन ज्यादा गलत है यानी 'राइट-राइट' और 'रांग-रांग' को लेकर लड़ाई हो जाती है। मैरिटल विवाद जितना लंबा खिंचता है यह उतना ही गंदा होता जाता है, एक दूसरे पर कीचड़ उछाले जाते हैं। दरअसल, समाज बहुत तेजी से बदल रहा है। फैमिली लॉ को नए सिरे से देखने की जरूरत है।

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आलोक कुमार राव author

करीब 20 सालों से पत्रकारिता के पेशे में काम करते हुए प्रिंट, एजेंसी, टेलीविजन, डिजिटल के अनुभव ने समाचारों की एक अंतर्दृष्टि और समझ विकसित की है। इ...और देखें

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