क्या 2024 के लोकसभा चुनाव में मोदी 400 के आंकड़े को छुएंगे या मोदी को हराने के विपक्षी दावों में दम है? देखें Video

Sawal Public Ka: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए तेलंगाना में आज मुख्यमंत्री KCR ने ट्रेलर दिखाया है। केरल, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के अलावा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और सीपीआई महासचिव डी राजा तेलंगाना रैली में शामिल हुए। इस रैली में कैसे मोदी सरकार को हटाने का दम भरा गया। क्या मोदी 400 के आंकड़े को छुएंगे या मोदी को हराने के विपक्षी दावों में दम है?

Sawal Public Ka: किसी देश की अर्थव्यवस्था का हाल वहां की राजनीति से तय होता है। इसीलिए आज जिस जगह पर दुनिया के आर्थिक विजन पर मंथन हो रहा है, वहां से मैं भारत की 2024 वाली राजनीति पर बात करने जा रही हूं क्योंकि 2024 वाली ये राजनीति भविष्य के भारत का रोड मैप तय करेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चुनौती देने के लिए तेलंगाना में आज मुख्यमंत्री KCR ने ट्रेलर दिखाया है। केरल, दिल्ली और पंजाब के मुख्यमंत्रियों के अलावा समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव और सीपीआई महासचिव डी राजा तेलंगाना रैली में शामिल हुए। इस रैली में कैसे मोदी सरकार को हटाने का दम भरा गया।

उधर कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा हिमाचल प्रदेश पहुंच गई। 30 जनवरी को श्रीनगर में यात्रा के समापन पर 23 राजनीतिक दलों के नेताओं को बुलाया गया है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को लेकर पीएम पद की दावेदारियां किसी ना किसी बहाने से सामने रखी जा चुकी हैं। विपक्ष के इन अलग-अलग मोर्चों के बीच इसी हफ्ते हुई BJP की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने BJP नेताओं को 2024 का चुनावी कैलेंडर थमा दिया है। वैसे तो अखिलेश यादव के मुताबिक "सरकार अपने दिन गिन रही है"।

लेकिन सवाल पब्लिक का है कि मोदी के संकल्प के मुकाबले अलग-अलग खेमों में बंटे नजर आ रहे विपक्ष की चुनौती कितनी मजबूत है? BJP की 2014 से बड़ी जीत 2019 में हुई, 2024 में क्या होगा? क्या मोदी 400 के आंकड़े को छुएंगे या मोदी को हराने के विपक्षी दावों में दम है? यही है आज सवाल पब्लिक का।

तेलंगाना में KCR की रैली कई मायनों में अहम है। तेलंगाना राष्ट्र समिति का नाम बदलकर भारत राष्ट्र समिति करने के बाद ये पहली रैली है। मिशन दिल्ली के लिए एक तरह से ये दक्षिण का मोर्चा है। अरविंद केजरीवाल और अखिलेश यादव को साथ जोड़कर उत्तर भारत को साधने की कोशिश है। PM पद के लिए नजरें गड़ा रहे नीतीश कुमार और ममता बनर्जी से अलग दिखने का संदेश है। राहुल गांधी को विपक्ष के नेता के तौर पर प्रोजेक्ट कर रही कांग्रेस से दूरी बनायी गई है।

KCR की इस रैली से पहले विपक्ष के सभी नेता Sri Yadadri Lakshmi Narasimha Swamy temple गए। मंदिर में CPI महासचिव डी राजा भी मौजूद रहे। मंदिर में विशेष पूजा की गई। KCR की रैली में 2024 के चुनाव को लेकर तेवर क्या रहे अखिलेश यादव और अरविंद केजरीवाल के। अखिलेश यादव कह रहे थे कि सरकार अपने दिन गिन रही है।

आपको बता दूं कि बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने बीजेपी नेताओं से कहा है कि चुनाव में अब सिर्फ 400 दिन बाकी हैं, हमें संवेदनशीलता के साथ समाज के सभी अंगों से जुड़ना है। राष्ट्रीय कार्यकारिणी में 2023 में होने वाले सभी 9 राज्यों के चुनाव में जीत दर्ज करने का संकल्प हुआ है। BJP के मुताबिक देशभर के 100 लोकसभा क्षेत्रों में 72 हजार कमजोर बूथों पर पार्टी ने संपर्क अभियान चलाया है।

राष्ट्रीय कार्यकारिणी में बीजेपी अध्यक्ष जे पी नड्डा का कार्यकाल जून 2024 तक बढ़ाकर अगले चुनाव तक पार्टी के मौजूदा अभियानों में CONTINUITY का संकेत दिया गया है। साफ है कि BJP आत्मविश्वास से भरे होने का भरोसा दे रही है। इस भरोसे में सबसे बड़ी बात है कि सबका साथ, सबका विकास वाला नैरेटिव।

सवाल पब्लिक का

1. KCR का विपक्षी मोर्चा क्या दक्षिण भारत से BJP के लिए सबसे बड़ी चुनौती है ?

2. राहुल गांधी का मोर्चा अलग, KCR का मोर्चा अलग, क्या मोदी के सामने विपक्षी एकता में दरार है ?

3. "सबका साथ" या "संविधान खतरे में"...2024 चुनाव के लिए किस नैरेटिव में दम है ?

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