जरांगे के 'तीर' से महायुति में सियासी तूफान, फणनवीस को कहना पड़ा- छोड़ दूंगा सियासत अगर...
फडणवीस ने जरांगे के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यह दावा करते हैं कि मैं मराठा समुदाय को आरक्षण देने की प्रक्रिया में बाधा डाल रहा हूं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस
Devndra Fadnavis-Jarange Row: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से पहले नए-नए सियासी ट्विस्ट आ रहे हैं। आरोपों और बयानबाजियों ने सियासी समीकरण को उलझाना शुरू कर दिया है। ऐसा ही एक बयान दिया है मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने जिनके आरोप से महायुति में ही सियासी तूफान उठता दिख रहा है। जरांगे के बयान पर भाजपा नेता व डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस को सफाई देनी पड़ी है। जरांगे के बयान का खंडन करते हुए उन्हें यहां तक कहना पड़ा कि आरोप में सच्चाई होने पर वह सियासत ही छोड़ देंगे।
फडणवीस का जरांगे को जवाब
फडणवीस ने जरांगे के बयान का हवाला देते हुए कहा कि अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यह दावा करते हैं कि मैं मराठा समुदाय को आरक्षण देने की प्रक्रिया में बाधा डाल रहा हूं तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। वहीं, सीएम शिंदे ने सरकार के निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाने का जिक्र करते हुए फडणवीस का बचाव किया और उनके खिलाफ जरांगे के आरोपों को निराधार बताया। जरांगे फडणवीस के कटु आलोचक हैं और उन पर मराठा समुदाय के आरक्षण की मांग में मुख्य बाधा बनने का आरोप लगाते रहे हैं।
जरांगे का मुझसे विशेष स्नेह
फडणवीस ने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा कि उन्हें पता है कि जरांगे का उनसे विशेष स्नेह है। अगर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे यह दावा करते हैं कि मेरी उपस्थिति मराठा आरक्षण के संबंध में निर्णय लेने में बाधा पैदा करती है, तो मैं अपना इस्तीफा दे दूंगा और राजनीति छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि मुख्यमंत्री राज्य का मुखिया होता है और सभी निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है। मराठा समुदाय को लाभ पहुंचाने वाले निर्णय या तो मेरे मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान लिए गए या मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के कार्यकाल में हुए हैं।
सीएम शिंदे ने किया फडणवीस का बचाव
जरांगे ने पिछले साल अगस्त में जालना के अंतरवाली सरती गांव में मराठा आरक्षण कार्यकर्ताओं पर पुलिस लाठीचार्ज के लिए राज्य के गृह मंत्री फडणवीस को जिम्मेदार ठहराया। बाद में सीएम शिंदे ने पत्रकारों के साथ बातचीत में उपमुख्यमंत्री फडणवीस का बचाव किया और उनके खिलाफ आरोपों को खारिज कर दिया। शिंदे ने कहा, जब फडणवीस महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने मराठा समुदाय को आरक्षण दिया था। फडणवीस के खिलाफ जरांगे के आरोप निराधार हैं और ऐसे दावों में कोई सच्चाई नहीं है। हम जो भी फैसला लेते हैं, उसे सामूहिक प्रयास के तौर पर लेते हैं।
जरांगे के फडणवीस पर आरोप
हालांकि, जरांगे ने फडणवीस के खिलाफ अपना हमला जारी रखा। शिंदे द्वारा उपमुख्यमंत्री का बचाव किए जाने के बारे में पूछे जाने पर जरांगे ने कहा, लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद और आज भी फडणवीस ने कहा कि वह राजनीति छोड़ देंगे। उन्हें ऐसे अतिवादी शब्द क्यों बोलने पड़ रहे हैं? जरांगे ने दावा किया कि प्रशासनिक स्तर पर कुनबी प्रमाणपत्रों का वितरण रोक दिया गया है। उन्होंने कहा, हमने कभी फडणवीस को अपना प्रतिद्वंद्वी नहीं माना, लेकिन वे इतने साल से सत्ता में हैं और (कोटा पर) निर्णय अमल में नहीं आ रहा है। जरांगे ने दावा किया कि इसका मतलब है कि फडणवीस मराठा समुदाय के लिए कोटा लाभ का विरोध कर रहे हैं।
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