राहुल गांधी बनेंगे लोकसभा में विपक्ष के नेता या कांग्रेस का बैकअप प्लान होगा एक्टिव? समझें पूरी रणनीति
माना जा रहा है कि लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले यानि 21 -22 जून को विपक्ष के नेता के नाम का ऐलान होगा। ये भी कहा जा रहा है कि संसद सत्र से ठीक पहले होने वाले विपक्षी दलों की बैठक में इस बात पर चर्चा के बाद आम राय बना कर फैसला लिया जाये।

राहुल गांधी बनेंगे लोकसभा में विपक्ष के नेता?
देश की सबसे पुरानी पार्टी अखिल भारतीय कांग्रेस को लोकसभा चुनाव में 99 सीट जीतने के बाद दस साल बाद लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद मिलने जा रहा है। क्या राहुल गांधी होंगे लोकसभा में विपक्ष के नेता? इसको लेकर अभी तक संशय बना हुआ है। वैसे नतीजे के ठीक बाद हुई CWC की बैठक में प्रस्ताव पास करके पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी को विपक्ष का नेता पद संभालने की अपील की थी, लेकिन राहुल गांधी ने कहकर बात को फिलहाल के लिए टाल दिया कि उन्हें सोचने के लिए समय चाहिए। राहुल विपक्ष के नेता बनेंगे या नहीं इसको लेकर इसीलिए भी सवाल उठ रहे हैं क्योंकि विपक्ष के नेता के तौर पर भूमिका निभाने के लिए संसद में जितना समय और उपस्थिति चाहिए। शायद राहुल गांधी इसके लिए तैयार नहीं है।
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करीबी चाहते हैं कि राहुल बने विपक्ष के नेता
आम चुनाव के नतीजे के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से इस मांग को कांग्रेस के तमिलनाडु सांसद मणिकम टैगोर ने सोशल मीडिया X के जरिये उठाया था। जिसमे उन्होंने कहा था कि कांग्रेस ने ये जीत राहुल गांधी के बदौलत पाई है, क्योंकि चुनाव में चेहरा राहुल गांधी का था, ऐसे में LoP का पद उन्हें लेना चाहिए। जिसका समर्थन 8 जून को हुए कांग्रेस वर्किंग कमिटी(CWC) की बैठक में सभी नेताओ ने किया था। सूत्रों की माने तो राहुल गांधी के करीबी नेता ये कह रहे है कि राहुल के LoP बनने से संसद में कांग्रेस और इंडिया एलायंस मजबूती से अपनी बात सरकार के सामने रखेगी। लोकसभा में नेता विपक्ष होने के नाते राहुल गांधी जब हर मुद्दे पर संसद में बोलेंगे तो देश में विपक्ष की राजनीति उभर कर आएगी, वहीं संवैधानिक पदो की नियुक्तियों में भी विपक्ष का दखल होगा।
राहुल नहीं बने लोकसभा में नेता विपक्ष तो कांग्रेस का क्या है बैकअप प्लान- हालांकि राहुल गांधी ने LoP बनने को लेकर अभी तक कोई फ़ैसला नही लिया है, ऐसे में पार्टी ने एक बैकअप प्लान भी तैयार किया है।
- सूत्रों की मानें तो पहला ये कि पार्टी के किसी तेज़ तर्रार लोकसभा सांसद को ये ज़िम्मेदारी सौंपी जाए। जो हिन्दी और अंग्रेज़ी दोनों भाषा में सरकार को हर मुद्दे पर घेर सके।
- ऐसे में दो साउथ के नेता और दो नॉर्थ के नेताओं के नाम की चर्चा चल रही है। साउथ से के.सी वेनुगोपाल और शशि थरूर का नाम है तो नार्थ से मनीष तिवारी और गौरव गगोई का।
- वहीम अगर राहुल गांधी विपक्ष के नेता बने और उनके साथ एक साउथ और एक नार्थ के नेता को उप नेता बनाया जाए। जिससे राहुल गांधी लगातार सदन में रहने से भी बच जाएंगे और सदन में विपक्ष के नेता भी बने रहेंगे।
माना जा रहा है कि लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने से ठीक पहले यानि 21 -22 जून को विपक्ष के नेता के नाम का ऐलान होगा। ये भी कहा जा रहा है कि संसद सत्र से ठीक पहले होने वाले विपक्षी दलों की बैठक में इस बात पर चर्चा के बाद आम राय बना कर फैसला लिया जाये।
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