तो क्या साक्षी मलिक अब वापस लेंगी अपना संन्यास? खुद दिया इस सवाल का जवाब
Sakshi Malik News: बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष बनने के विरोध में साक्षी मलिक ने रेसलिंग से संन्यास लेने की घोषणा कर दी थी। इस बीच भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) को खेल मंत्रालय ने अगले आदेश तक निलंबित कर दिया, तो क्या अब साक्षी भी अपना संन्यास वापस ले लेंगी?
WFI के निलंबन पर क्या बोलीं साक्षी मलिक?
WFI Vs Wrestlers: पहलवानों और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के बीच छिड़ी जंग जारी है, इसी बीच खेल मंत्रालय ने WFI के निलंबन की घोषणा कर दी। याद दिला दें, साक्षी मलिक ने संजय सिंह के डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बनने के विरोध में अपने संन्यास की घोषणा कर दी थी। तो क्या अब मंत्रालय के एक्शन के बाद वो अपना संन्यास वापस ले लेंगी? खुद मलिक इस सवाल का सामना किया और क्या जवाब दिया आपको बताते हैं।
सरकार से नहीं है साक्षी मलिक की लड़ाई
केंद्रीय खेल मंत्रालय द्वारा भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने पर पहलवान साक्षी मलिक ने कहा, 'हमारी लड़ाई सरकार से नहीं है, हमारी लड़ाई सिर्फ एक आदमी से थी, हमारी लड़ाई महिलाओं के लिए है।' पत्रकारों ने उनसे जब ये पूछा कि क्या अब वो अपना संन्यास वापस लेंगी, तो उन्होंने कहा कि अभी वो इसके बारे में सोचेंगी।
बेटियों-बहनों की लड़ाई में ये पहला कदम
पहलवान साक्षी मलिक ने WFI की नवनिर्वाचित संस्था को निलंबित करने को लेकर ये भी कहा, 'यह पहलवानों की बेहतरी के लिए हुआ है। हम तो कह रहे थे कि यह बेटियों और बहनों की लड़ाई है, यह पहला कदम है।'
अगले आदेश तक डब्ल्यूएफआई निलंबित
दरअसल, खेल मंत्रालय ने डब्ल्यूएफआई को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया, क्योंकि नवनिर्वाचित संस्था ने उचित प्रकिया का पालन नहीं किया और पहलवानों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय दिए बिना अंडर-15 और अंडर-20 राष्ट्रीय चैंपियनशिप के आयोजन की ‘जल्दबाजी में घोषणा’ की थी। मंत्रालय ने साथ ही कहा कि नई संस्था ‘पूरी तरह से पूर्व पदाधिकारियों के नियंत्रण’ में काम कर रही थी जो राष्ट्रीय खेल संहिता के अनुरूप नहीं है।
क्या है डब्ल्यूएफआई से जुड़ा पूरा विवाद
इसी साल के शुरुआत में शीर्ष पहलवानों ने तत्कालीन WFI अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन शुरू किया था, जिन पर उन्होंने महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोप लगाया था और यह मामला अदालत में लंबित है। इसी बीच डब्ल्यूएफआई के अध्यक्ष रहे बृजभूषण के करीबी संजय सिंह चुनाव में डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष बने और उनके पैनल ने 15 में से 13 पद पर जीत हासिल की थी। इसी के विरोध में शीर्ष पहलवान साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया उतर आए। साक्षी ने संन्यास की घोषणा की तो टोक्यो ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना पद्मश्री सम्मान लौटाने का फैसला किया। अब देखना होगा कि क्या रेसलिंग के रिंग में साक्षी की वापसी होती है या नहीं।
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