संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान, लंबित मांगों को लेकर फिर से शुरू करेंगे आंदोलन...सरकार की बढ़ेगी सिरदर्दी

10 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई थी जिसमें 17 राज्यों के किसान संगठन शामिल हुए थे। बैठक में कई फैसले लिए गए और अब ये संगठन दोबारा मोर्चा खोलने के लिए तैयार दिख रहे हैं।

संयुक्त किसान मोर्चा (फाइल फोटो)

Sanyukta Kisan Morcha: संयुक्त किसान मोर्चा ने लंबित मांगों को लेकर फिर से शुरू आंदोलन शुरू करने का ऐलान किया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने आज कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, कृषि ऋण माफी और अन्य मुद्दों पर लंबित मांगों को लेकर हम आंदोलन फिर से शुरू करेंगे। संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वह 16, 17 और 18 जुलाई को प्रधानमंत्री, नेता प्रतिपक्ष और सांसदों को मांगपत्र सौंपेगा।

किसान संगठनों लेंगे सरकार से टक्करकिसान संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर एक बार फिर सरकार से टक्कर लेने का फैसला कर लिया है। तीसरी बार देश की सत्ता संभाल लही मोदी सरकार की इससे निश्चित तौर पर सिरदर्दी बढ़ेगी। पिछली बार सरकार से कई दौर की बातचीत के बाद भी किसान संगठन अपने मांगों पर अड़े रहे। इससे पहले तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बावजूद किसान संगठनों ने दिल्ली में बड़ा प्रदर्शन किया जिससे जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया। अब किसान संगठन एक बार फिर सरकार से टकराने के मूड में हैं।

दिल्ली बॉर्डर पर मचा था घमासान

साल 2020 में किसान आंदोलन शुरू हुआ था और एक साल से अधिक समय तक दिल्ली के बॉर्डर पर खूब घमासान मचा था। सड़कें बंद हुई तो लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। दिक्कतों का ये दौर एक बार फिर से शुरू हो सकता है। संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी जनरल बॉडी मीटिंग इस संबंध में फैसला लिया। बैठक में कई राज्यों के किसान शामिल हुए और आंदोलन और किसानों की मांग को लेकर फैसले लिए गए।

बैठक में लिए गए कई फैसले

10 जुलाई को संयुक्त किसान मोर्चा ने अपनी जनरल बॉडी मीटिंग बुलाई थी जिसमें 17 राज्यों के किसान संगठन शामिल हुए। बैठक में किसानों की मांग को लेकर चर्चा हुई और फैसला लिया गया कि 16, 17 और 18 जुलाई तक प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और सभी सांसदों को किसानों की मांग का एक ज्ञापन सौंपा जाएगा। इसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी, कृषि ऋण माफी, किसानों को पेंशन, बिजली का निजीकरण बंद करने सहति सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर शहीद किसानों का स्मारक बनाने की मांग रखी जाएगी।

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