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21 December 2023: साल का सबसे छोटा दिन आज ही क्यों होता है? समझिए

Winter Solstice 2023, Shortest Day Of The Year 2023: विंटर सोलस्टाइस इसाई धर्म के लोगों के लिए अहम होता है। यह उनके लिए एक हॉलिडे भी है। वैसे तो इसे 25 दिसंबर को मनाया जाता है, मगर यह विंटर सोलस्टाइस के आसपास भी पड़ता है। दुनिया भर में लोग इसे अलग-अलग तरीके से मनाते हैं।

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तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

Winter Solstice 2023, Shortest Day Of The Year 2023: साल के सबसे छोटे दिन को विंटर सोलस्टाइस भी कहा जाता है। ऐसा तब होता है, जब पृथ्वी का कोई एक पोल सूर्य से दूर होता है। हालांकि, इस दौरान रातें लंबी हो जाती हैं, जबकि विंटर सोलस्टाइस के बाद दिन फिर से लंबे होने लगते हैं। वैसे, इस विंटर सोलस्टाइस को लोग हजारों सालों से मनाते आए हैं। आइए, जानते हैं इससे जुड़ी रोचक बातें:

साइंस के अनुसार, जब सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से गुजरने वाली कर्क रेखा में आ जाता है, तो ऐसी स्थिति में सूर्य की किरणें धरती पर ज्यादा समय के लिए बनी रहेंगी। जिसके कारण 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है।

इस बरस कब पड़ रहा है विंटर सोलस्टाइस?21 दिसंबर, 2023 को।

विंटर सोलस्टाइस का टाइम भी जानिए21 दिसंबर, 2023 को यह रात 10:27 बजे (ईएसटी) से लगेगा।

...तो यह है इसकी महत्ताएस्ट्रोनॉमी के अनुसार, विंटर सोलस्टाइस का मतलब सर्दियों के सीजन है, जो कि चालू हो चुका है और उसके तहत दिन बड़े हो जाएंगे और रातें छोटी हो जाएंगी और वह समय जब रातें लंबी और दिन छोटे हो जाएंगे, जिसे लोकप्रिय रूप से विंटर सोलस्टाइस कहा जाता है। सूरज इस दौरान आसमान में अपने लोवेस्ट प्वॉइंट पर होता है। विंटर सोलस्टाइस नॉर्दर्न हेमिसफियर में सर्दियों का पहला दिन माना जाता है।

सामान्य दिन कितने बड़े होते हैं?सामान्य दिनों की बात करें तो 12 घंटे का दिन और इतने ही घंटे की रात होती है लेकिन 21 जून को दिन करीब 14 घंटे के आसपास होता है। हालांकि, यह भी ध्यान दें कि यह सब एकाएक नहीं होता है, इन विशेष दिनों से पहले ही धीरे धीरे दिन या रात की अवधि में परवर्तन होना शुरू हो जाता है।

साल का सबसे लंबा और सबसे छोटा दिन का कारणदरअसल, 21 दिसंबर को सूर्य पृथ्वी से बहुत दूर होता है। ऐसे में रोशनी कम समय के लिए पृथ्वी पर रहती है। यही वजह है कि यह साल का सबसे छोटा दिन होता है और रात सबसे लंबी होती है। हालांकि, इसके बाद से दिन की अवधि बढ़ना शुरू हो जाती है। ठीक ऐसे ही 21 जून को सूर्य पृथ्वी के बहुत पास होता है जिस वजह से रोशनी बहुत देर के लिए बनी रहती है। यही कारण है कि यह दिन सामान्य दिनों से बड़ा दिखता है।

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