महाराष्ट्र चुनाव: तटीय इलाकों की 75 सीटों में छिपी है सत्ता की चाबी, जो मारेगा बाजी उसकी होगी चांदी

महाराष्ट्र में तटीय कोंकण क्षेत्र सिंधुदुर्ग से मुंबई तक फैला है। इसमें पालघर, ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी जिले भी आते हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों पर चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को की जाएगी।

महाराष्ट्र में कांटे की टक्कर

Maharashtra Elections 2024: महाराष्ट्र में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में महायुति और महा विकास आघाडी गठबंधनों के बीच जोरदार मुकाबले का मैदान तैयार हो गया है। चुनाव में खास तौर पर मुंबई समेत महाराष्ट्र के तटीय क्षेत्र की सीटें अहम साबित होंगी और यहीं सत्ता की चाबी भी छुपी हुई है। राज्य में अगले महीने होने वाले विधानसभा चुनाव में महायुति और महा विकास आघाडी गठबंधनों, खासतौर से शिवसेना के दो प्रतिद्वंद्वी धड़ों के बीच दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। मुंबई महानगर समेत इस औद्योगिक क्षेत्र से विधानसभा में 75 विधायक और लोकसभा में 12 सदस्य आते हैं। महाराष्ट्र में तटीय कोंकण क्षेत्र सिंधुदुर्ग से मुंबई तक फैला है। इसमें पालघर, ठाणे, रायगढ़ और रत्नागिरी जिले भी आते हैं। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटों पर चुनाव के लिए 20 नवंबर को मतदान होगा और नतीजों की घोषणा 23 नवंबर को की जाएगी।

महायुति ने कोंकण क्षेत्र में सात सीटें जीतीं

हाल में हुए लोकसभा चुनावों में शिवसेना, भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के महायुति गठबंधन ने कोंकण क्षेत्र में सात सीटें जीतीं। भाजपा ने पालघर, रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग और मुंबई उत्तर जबकि अजित पवार नीत एनसीपी ने रायगढ़ सीट बरकरार रखी। शिवसेना (शिंदे) ने ठाणे, कल्याण और मुंबई उत्तर-पश्चिम सीट पर जीत हासिल की। आगामी विधानसभा चुनावों में रत्नागिरी-सिंधुदुर्ग लोकसभा सीट जीतने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री नारायण राणे कोंकण क्षेत्र में भाजपा के लिए अहम भूमिका निभा सकते हैं। ठाणे शहर में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की कोपरी-पाचपाखाडी सीट पर और मुंबई में वर्ली में दिलचस्प मुकाबला देखने को मिलेगा। वर्ली सीट से शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता आदित्य ठाकरे दोबारा चुनाव लड़ रहे हैं।

मुंबई में कांग्रेस का प्रभाव कम हुआ

इस क्षेत्र में शहरी मुद्दे प्रमुख हैं जिनमें आवास, शहरी गरीबी और बुनियादी ढांचे की चुनौतियां अहम हैं। पिछले कुछ वर्षों में खासतौर से मुंबई में कांग्रेस का प्रभाव थोड़ा कम हुआ है जहां उसने महा विकास आघाडी (एमवीए) में शिवसेना (यूबीटी) को कमान दे दी है। राज्य के चुनावी मानचित्र में विदर्भ, उत्तर महाराष्ट्र, मराठावाड़ा और पश्चिम महाराष्ट्र के जिले भी शामिल हैं। क्षेत्रीय समीकरणों के लिहाज से 62 विधानसभा सीटों वाला विदर्भ क्षेत्र राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है जो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले और भाजपा के उनके समकक्ष चंद्रशेखर बावनकुले जैसे बड़े नेताओं का गढ़ है।

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