हवा का रुख नहीं भांप पाए भूपेश बघेल, महतारी वंदन योजना से BJP ने ऐसे कर दिया 'खेल'
Mahtari Vandan Yojana: छत्तीसगढ़ में भाजपा कभी भी इतना बड़े अतंर से चुनाव नहीं जीती। इस बार उसे 46.3 प्रतिशत वोट मिले और 54 सीटों पर जीत दर्ज की। पिछले 2016 के विधानसभा चुनाव में उसे महज 15 सीटों पर जीत मिली थी।
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार हुई है।
Mahtari Vandan Yojana: तीन दिसंबर को आए चार राज्यों के चुनाव नतीजे सभी को चौंका गए। किसी राज्य में बहुत बड़ा उलटफेर हुआ तो किसी राज्य में उम्मीदों को बड़ा झटका लगा। सबसे ज्यादा हैरान करने वाले नतीजे छत्तीसगढ़ में देखने को मिले। यहां कांग्रेस की बघेल सरकार इतने बड़े अंतर से हारेगी, किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की शानदार जीत सभी को हैरत में डालने वाली है।
पिछली बार से भाजपा को 39 सीटें ज्यादा मिलीं
छत्तीसगढ़ में भाजपा कभी भी इतना बड़े अतंर से चुनाव नहीं जीती। इस बार उसे 46.3 प्रतिशत वोट मिले और 54 सीटों पर जीत दर्ज की। पिछले 2016 के विधानसभा चुनाव में उसे महज 15 सीटों पर जीत मिली थी। इस चुनाव में उसका वोट प्रतिशत 33 था। कांग्रेस की अगर बात करें तो इस चुनाव में उसे 33 सीटों का नुकसान हुआ। इस बार उसे 35 सीटें मिली हैं। कांग्रेस का वोट शेयर 42.3 फीसदी रहा है। 2018 के चुनाव में उसे 43 प्रतिशत वोट मिला।
चार साल तक सुस्त पड़ी रही BJP
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार इसलिए चौंका रही है क्योंकि बीते चार सालों तक भाजपा सुस्त पड़ी रही। ऐसा लगा कि वह हथियार डाल चुकी है। इन वर्षों में डॉ. रमन सिंह और भाजपा के प्रदेश स्तर के नेताओं की सक्रियता न के बराबर रही। वहीं, सीएम बघेल प्रचंड बहुमत एवं आत्मविश्वास के साथ सरकार चलाते रहे। खासकर ग्रामीण इलाकों को केंद्रित कर चलाई गईं सरकारी योजनाओं से उन्हें बहुत उम्मीद थी। अपने कामकाज एवं योजनाओं को उन्होंने खूब प्रचार-प्रसार किया। मीडिया में उनकी धमक लगातार बनी रही। भाजपा की सुस्ती को देखते हुए चुनावी विशेषज्ञ बघेल सरकार की वापसी तय मानकर चल रहे थे। 30 नवंबर को आए एग्जिट पोल्स में भी इसी का अनुमान जताया गया लेकिन चुनाव नतीजों ने एक दूसरी तस्वीर पेश की।
भाजपा को जीता गई महतारी वंदन योजना
भाजपा की इस शानदार जीत के पीछे उसकी महतारी वंदन योजना को बताया जा रहा है। चुनाव से ठीक पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में इस योजना का जिक्र किया। सत्ता में आने पर उसने महिलाओं को हर महीने 1000 रुपए देने का वादा किया। गांव-गांव एवं घर-घर जाकर उसने फॉर्म भरवाए। इस योजना को लेकर भाजपा के कार्यकर्ताओं ने खूब मेहनत की। इसे पीएम मोदी की गारंटी योजना के रूप में भी प्रचारित किया गया। भाजपा अपनी चुनावी रैलियों में कहा कि इस गारंटी के तहत वह महिलाओं को प्रतिवर्ष 12 हजार रुपए का मदद देगी।
महिलाओं के खूब फॉर्म भरवाए गए
इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ में महिलाओं से खूब फॉर्म भरवाए गए। फॉर्म में आवेदिका का नाम, पति का नाम, मोबाइल नंबर, गांव, वार्ड, ब्लॉक, तहसील और जिले की जानकारी ली गई। बात केवल जुबानी वादे तक सीमित नहीं रही। फॉर्म भरवाने का भाजपा का दांव चल गया। महिलाओं का लगा कि भाजपा सत्ता में आएगी तो उन्हें 12 हजार रुपए मिलना तय है क्योंकि इस गारंटी से मोदी का नाम जुड़ा है।
कांग्रेस ने भाजपा के इस दांव को हल्के में लिया
समझा जाता है कि ग्रामीण एवं शहरी इलाकों दोनों जगह महिलाओं ने एक तरफ भाजपा के लिए वोट किया। उनका वोट भाजपा के लिए गेम चेंजर साबित हुआ। दूसरा भाजपा ने अपना संकल्प पत्र जानबूझकर देरी से लॉन्च किया। कांग्रेस के पास इस योजना की काट नहीं थी। धरातल पर भाजपा के कैडरों ने इस योजना के बारे में खूब प्रचार किया। भाजपा के इस वादे को बघेल सरकार ने हल्के में लिया। या यों कहें कि इसकी काट के लिए उसे पर्याप्त समय नहीं मिला। उसे अपनी जीत भर भरोसा था।
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