6 साल के रिश्ते में सहमति से सेक्स को नहीं कह सकते रेप, कर्नाटक HC ने सुनाया फैसला

कोर्ट ने कहा कि 6 साल तक सहमति से किए गए यौन संबंधों के बाद अंतरंगता कम होने का मतलब यह नहीं हो सकता कि यह बलात्कार है।

Karnataka High Court

Karnataka HC: कर्नाटक हाई कोर्ट ने बेंगलुरु के शख्स के खिलाफ एक महिला के लगाए आरोपों को खारिज कर दिया जिसमें आरोप लगाया गया था कि छह साल तक रिश्ते में रहने के बाद युवक शादी के वादे से मुकर गया। अदालत ने इसे कानून की प्रक्रिया के दुरुपयोग का एक उत्कृष्ट उदाहरण बताया। अदालत ने कहा कि यह एक, दो, तीन, चार या पांच नहीं, बल्कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से मुलाकात के बाद याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता के बीच छह साल तक सहमति से बने शारीरिक/यौन संबंध का मामला है। कोर्ट ने कहा कि 6 साल तक सहमति से किए गए यौन संबंधों के बाद अंतरंगता कम होने का मतलब यह नहीं हो सकता कि यह बलात्कार है।

यह बताते हुए कि यौन संबंध छह साल तक चला, जज ने कहा कि यह नहीं माना जा सकता कि आईपीसी की धारा 376 के तहत दंडनीय होने के लिए यह बलात्कार नहीं होगा। न्यायाधीश ने प्रमोद सूर्यभान पवार बनाम महाराष्ट्र राज्य मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि अगर आगे की कार्यवाही जारी रखने की अनुमति दी गई, तो यह इस मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए कई फैसलों का उल्लंघन होगा।

याचिकाकर्ता ने 2013 में फेसबुक के माध्यम से शिकायतकर्ता से दोस्ती की थी। उसके अनुसार, चूंकि वह पास में ही रहता था, इसलिए उसे यह कहकर हमेशा अपने घर ले जाया जाता था कि वह एक बहुत अच्छा शेफ है। वह स्वादिष्ट खाना बनाता था और जब भी वह उसके घर जाती थी, बीयर पीती थी और संबंध बनाती थी। करीब छह साल तक शादी का वादा कर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाने के बाद शख्स ने अपना वादा तोड़ दिया।

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