Women Reservation Bill: नई संसद का शानदार आगाज, लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश
महिलाओं लिए आरक्षण का ऐतिहासिक बिल आखिरकार आज लोकसभा में पेश कर दिया गया। अब नई संसद में इस पर मुहर लगने की संभावना है।
Women Reservation Bill: नई संसद का आगाज भी आज शानदार और ऐतिहासिक कार्य के साथ हो रहा है। संसद द्वारा 27 साल से अटके महिला आरक्षण बिल को मंजूरी देने की संभावना है। बताया जा रहा है कि इसे आज मंगलवार को सदन के पटल पर रखा जाएगा। बहस बाद यह बिल गुरुवार को पास हो सकता है। कल मोदी कैबिनेट में इस बिल पर मुहर लगाई गई थी। कांग्रेस ने सरकार के कदम का पहले ही स्वागत किया था।
1996 से हुए कई प्रयास
महिलाओं के लिए विधायी आरक्षण के लिए कानून बनाने के लिए 1996 से कई प्रयास किए गए, लेकिन असफल रहे। 2010 में यूपीए सरकार इस विधेयक को राज्यसभा में पारित कराने में कामयाब रही, लेकिन सहयोगियों के कुछ दबाव के कारण इसे लोकसभा में पेश करने में विफल रही।
अरुण जेटली ने बताया था ऐतिहासिक
राहुल गांधी ने अपने पत्र में बताया कि कैसे भाजपा ने पहले इस विधेयक का समर्थन किया था और तत्कालीन केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने इसे ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण बताया था। हालांकि, यह दावा किया जा रहा है कि नया विधेयक 2010 के विधेयक की तरह नहीं होगा और आरक्षण का दायरा संसद और राज्य विधानसभाओं से परे बढ़ने की संभावना है। पहले के विधेयक में कोटा के भीतर कोटा के प्रावधान का जिक्र नहीं था जो कई क्षेत्रीय दलों की प्रमुख मांग थी।
संसद में 14 फीसदी महिला सांसद
संसद सत्र से पहले विपक्षी नेताओं ने महिला आरक्षण पर जोर दिया था। इस बीच, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सांसदों के विषम लिंग अनुपात की ओर भी इशारा किया, जहां संसद में केवल 14% महिलाएं थीं, जबकि राज्य विधानसभाओं में उनकी संख्या सिर्फ 10% है। इस बार एनडीए, इसके समर्थक बीजेडी और प्रमुख विपक्षी दलों के समर्थन से लोकसभा में 431 और राज्यसभा में 175 सांसदों के समर्थन से विधेयक के आसानी से पारित होने की संभावना है।
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