महिला आरक्षण से मोदी मार पाएंगे '24 का मैदान'? आसान नहीं आगे की राह, सामने खड़ी हैं ये चुनौतियां

Women's Reservation Bill: उधर, विपक्षी दलों ने बिल को ‘चुनावी जुमला’ बताया। कहा कि औरतों के साथ धोखा हुआ है। यह बिल 2029 से पहले लागू नहीं किया जा सकेगा। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा- चुनावी जुमलों के मौसम में यह सभी जुमलों में सबसे बड़ा है! क्या 2024 चुनाव से पहले होगी जनगणना और परिसीमन?

तस्वीर का इस्तेमाल सिर्फ प्रस्तुतिकरण के लिए किया गया है। (फाइल)

Women's Reservation Bill: हिंदुस्तान में जिस आधी आबादी (महिलाओं) को लंबे समय तक "साइलेंट" समझा गया, फिलहाल वही राजनीति के केंद्र में है। वजह- महिला आरक्षण बिल (नारीशक्ति वंदन विधेयक) है। भले ही यह संसद के निचले सदन में पेश किया जा चुका हो, मगर इसके कानून बनने तक का रास्ता इतना भी आसान नहीं है। आइए, समझते हैं कि इसके सामने कौन-कौन सी चुनौतियां खड़ी हैं:

मौजूदा समय में संसद के दोनों सदनों में इसके पारित होने के आसार तो नजर आ रहे हैं। पर राह इतनी भी आसान नहीं है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसके पास होने के बाद इसे अमली जामा पहनाना बड़ी चुनौती होगा। फिर आगे और तगड़ा चैलेंज होगा, जो कि जनगणना और परिसीमन की प्रॉसेस से जुड़ा है। खास बात है कि ये सारा काम ऑन टाइम कराना किसी टेढ़ी खीर से कम नहीं है।

जानकारों की मानें तो अगर सब कुछ प्रक्रिया के तहत चला भी तब भी यह 2027 से पहले पूरा होते नहीं नजर आता है। यही नहीं, परिसीमन को लेकर नॉर्थ बनाम साउथ का विवाद बड़ी बाधा बन सकता है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि यह कानून बनने से पहले विवाद का शिकार न हो जाए।

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