रायपुर में बनेगा सिकल सेल का विश्वस्तरीय सेंटर ऑफ एक्सीलेंस, सीएम भूपेश बघेल ने रखी आधारशिला

Chhattisgarh Center of Excellence:सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का फायदा पड़ोसी राज्यों के मरीजों को भी मिलेगा, निःशुल्क जांच और इलाज के साथ सिकलसेल पर शोध होगा।

कहा जा रहा है कि सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का फायदा पड़ोसी राज्यों के मरीजों को भी मिलेगा

Raipur News: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के देवेन्द्र नगर चौक जेल रोड में सिकल सेल संस्थान के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस का भूमिपूजन किया। इस संस्थान का 2.96 एकड़ भूमि में किया जाएगा, जिसमें 48 करोड़ 12 लाख रूपए की लागत आएगी। इस सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध होगी। यह पहल न केवल प्रदेश के लोगों के लिए, बल्कि सीमावर्ती राज्यों के लिए भी लाभप्रद होगी।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि पिछले साढ़े चार साल में स्वास्थ्य विभाग में अभूतपूर्व कार्य हुए। स्वास्थ्य जांच के लिए हाट बाजार व शहर में अन्य माध्यम से लोगों को सुविधाएं मिली है। मलेरिया मुक्त बस्तर आभियान तथा बाद में मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान चलाया गया जिससे मलेरिया में 65 प्रतिशत तक की कमी आई है। सिकलसेल से छत्तीसगढ़ की आबादी के लगभग 10 प्रतिशत लोग ग्रसित हैं। यह एक बहुत बड़ा आंकड़ा है, इसीलिए यह बड़ी चुनौती भी है।

इस चुनौती से निपटने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ लगातार काम कर रही है। सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के रूप में राज्य के सिकलसेल संस्थान का उन्नयन होगा, इससे सुविधाएं बढ़ेगी, शोध कार्यों में तेजी आएगी। सिकलसेल की रोकथाम के लिए इलाज के साथ-साथ जागरूकता भी जरूरी है। यदि रोगी का समय पर सही उपचार शुरू कर दिया जाए, समय पर उन्हें दवाइयां उपलब्ध करा दी जाएं, तो उनके शारीरिक दुष्प्रभावों को कम किया जा सकता है। वे भी लम्बी आयु का जीवन जी सकते हैं। इसके लिए सबसे जरूरी है कि समय पर रोग की पहचान कर ली जाए। सिकलसेल के अनुवांशिक गुण वाले व्यक्तियों की पहचान से पूर्व करके उन्हें आवश्यक परामर्श दिया जा सकता है, ताकि इस रोग के प्रसार को भी कम किया जा सके।

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