खुशहाल देशों की लिस्ट में फिनलैंड टॉप पर तो अफगानिस्तान सबसे नीचे, भारत-पाकिस्तान में कौन आगे, जानें रैंकिंग
World Happiness Index 2024 : दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी इस बार शीर्ष 20 देशों में जगह नहीं बना पाया है। वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट साल 2012 से लगातार जारी हो रही है। बीते 12 सालों में अमेरिका अब तक के अपने सबसे निचले पायदान पर है।
वर्ल्ड हैपीनेस इंडेक्स 2024
World Happiness Index 2024 : दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की सूची आ गई है और फिनलैंड एक बार फिर दुनिया का सबसे खुशहाल देश का तमगा अपने नाम किया है। यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास समाधान नेटवर्क ने जारी की है। इस सूची में 137 देश शामिल हैं जिनमें भारत 125वें पायदान पर है। खुशहाल देशों की सूची में पिछले साल की तुलना में भारत ने तरक्की तो की है लेकिन पाकिस्तान, यूक्रेन और नेपाल जैसे देश खुशहाली के मामले में आगे हैं, यह बात हैरान करने वाली है। पिछले साल यानी 2022 की सूची में भारत का रैंक 136वां था। देशों की आय, वहां की स्वास्थ्य सुविधाएं, आजादी सहित कई मानकों पर खुशहाल देशों की यह सूची तैयार की गई है।
शीर्ष 20 देशों में अमेरिका भी नहीं
दुनिया का सबसे ताकतवर देश अमेरिका भी इस बार शीर्ष 20 देशों में जगह नहीं बना पाया है। वर्ल्ड हैपीनेस रिपोर्ट साल 2012 से लगातार जारी हो रही है। बीते 12 सालों में अमेरिका अब तक के अपने सबसे निचले पायदान पर है। 2023 में अमेरिका 15वें पायदान पर था जबकि इस साल उसकी रैंक 23वीं है। यहां तक कि कोस्टारिका और लुथियानिया जैसे देशों की हालत उससे बेहतर बताई गई है। अमेरिका के पिछड़ने की एक सबसे बड़ी वजह 'हैप्पीनेस' का कम होना बताया गया है। खासकर, अमेरिका के युवा खुश नहीं हैं।
एशिया के 10 सबसे खुशहाल देश- सिंगापुर
- ताइवान
- जापान
- दक्षिण कोरिया
- फिलिपींस
- वियतनाम
- थाइलैंड
- मलेशिया
- चीन
- मंगोलिया
यूक्रेन, पाकिस्तान की स्थिति भारत से बेहतर
यह सभी को पता है कि यूक्रेन में बीते करीब दो साल से युद्ध चल रहा है। वहां चारों तरफ तबाही हुई है और लाखों की संख्या में लोगों ने पलायन किया है, फिर भी उसकी स्थिति भारत से बेहतर है। यही नहीं, पाकिस्तान की माली हालत किसी से छिपी नहीं है। वह दिवालिया होने तक की कगार तक पहुंचा है, उसकी अर्थव्यवस्था अभी भी नाजुक है जबकि भारत दुनिया की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है। युद्ध और आर्थिक संकट में फंसे देश यदि खुशहाली के पैमाने पर भारत से बेहतर स्थिति में हैं तो इसकी वजह वे मानक हैं जिनके आधार पर यह रिपोर्ट तैयार की जाती है। एशिया के देशों में चीन की रैंक 60वीं, नेपाल की 93वीं, पाकिस्तान की 108वीं, म्यांमार की 118वीं, श्रीलंका की 128वीं और बांग्लादेश की 129वीं है।
हर साल 20 मार्च को जारी होती है यह रिपोर्ट
गैलप वर्ल्ड पोल सहित अन्य स्रोतों के डाटा का इस्तेमाल करते हुए यह इंडेक्स तैयार की गई है। इस सलाना रिपोर्ट को मुख्य तौर पर छह मानकों-सामाजिक समर्थन, आय, स्वास्थ्य, आजादी, विनम्रता एवं भ्रष्टाचार के आधार पर तैयार किया गया है। यूएन का यह डाटा अंतरराष्ट्रीय हैपीनेस डे के मौके पर 20 मार्च को जारी होता है।
- फिनलैंड
- डेनमार्क
- आइसलैंड
- स्वीडन
- इजरायल
- नीदरलैंड
- नॉर्वे
- लक्जमबर्ग
- स्विटजरलैंड
- ऑस्ट्रेलिया
- न्यूजीलैंड
- कोस्टा रिका
- कुवैत
- ऑस्ट्रिया
- कनाडा
- बेल्जियम
- आयरलैंड
- सेशिया
- लिथुआनिया
- ब्रिटेन
टॉप 10 में नॉर्डिक देशों का दबदबा
इस सूची में शामिल शीर्ष 10 देशों की अगर बात करें तो हमेशा की तरह इस बार नॉर्डिक देशों को जगह मिली है। दूसरे और तीसरे स्थान पर डेनमार्क और आइसलैंड हैं जबकि चौथे स्थान पर स्वीडन है। नार्वे सांतवें स्थान पर है। इस सूची के मुताबिक 30 साल से कम उम्र वाले लोगों के लिए लिथुआनिया सबसे खुशहाल देश है। सूची में सबसे निचले पायदान पर अफगानिस्तान है। इसके ऊपर लेबनान, लेसोथो, सिएरा लियोन और कांगो हैं।
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