दुनिया पर मंडरा रहा है तीसरे विश्व युद्ध का खतरा, हर जगह पहुंचे विश्व को नष्ट करने वाले हथियार, बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि भले ही ग्रामीण इलाकों में कुछ बीमारियों की दवा उपलब्ध नहीं हो, लेकिन देसी कट्टा हर जगह उपलब्ध है। मोहन भागवत ने कहा कि मानवता की सेवा करना सनातन धर्म है, जो हिंदू धर्म का पर्याय है।

तृतीय विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा, विज्ञान का लाभ अभी भी गरीबों तक नहीं पहुंच रहा: भागवत

Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि रूस-यूक्रेन और इजराइल-हमास के बीच जारी संघर्षों के मद्देनजर ऐसा प्रतीत हो रहा कि तृतीय विश्व युद्ध का खतरा मंडरा रहा है। मध्य प्रदेश के महाकौशल क्षेत्र की संघ की दिवंगत महिला पदाधिकारी डॉ. उर्मिला जामदार की स्मृति में आयोजित एक व्याख्यान में भागवत ने कहा कि हम सभी को तृतीय विश्व युद्ध का खतरा मंडराता महसूस हो रहा है। इस बात की अटकलें लग रही हैं क्या यह यूक्रेन या गाजा में शुरू हो सकता है। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि विज्ञान ने बहुत प्रगति की है, लेकिन इसका लाभ अभी भी देश या दुनियाभर में गरीबों तक नहीं पहुंच रहा है।

दुनिया को तबाह करने वाले हथियार हर जगह मौजूद- भागवत

आरएसएस प्रमुख ने कहा कि लेकिन दुनिया को तबाह करने वाले हथियार हर जगह पहुंच गए हैं। उन्होंने कहा कि भले ही ग्रामीण इलाकों में कुछ बीमारियों की दवा उपलब्ध नहीं हो, लेकिन देसी कट्टा उपलब्ध है। भागवत ने कहा कि मानवता की सेवा करना सनातन धर्म है, जो हिंदू धर्म का पर्याय है। उन्होंने कहा कि हिंदुत्व में दुनिया का मार्गदर्शन करने की क्षमता है। इस दौरान भागवत ने कहा कि हिंदू शब्द भारतीय धर्मग्रंथों में आने से बहुत पहले से मौजूद है। उन्होंने कहा कि इसे पहली बार गुरु नानक देव ने सार्वजनिक प्रवचन में पेश किया था।

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