नवंबर के अंत कर 8 अरब हो जाएगी दुनिया की आबादी! झेल पाएगी पृथ्वी इतनी बड़ी जनसंख्या का भार?
World Population: संयुक्त राष्ट्र के अनुमानों के अनुसार, 2030 में दुनिया की आबादी बढ़कर लगभग 8.5 बिलियन हो जाएगी। यह संख्या 2050 में बढ़कर 9.7 बिलियन हो जाएगी और 2080 के दौरान लगभग 10.4 बिलियन हो जाएगी। जनसंख्या वृद्धि का स्तर सन् 2100 तक ऐसे ही बने रहने का अनुमान है।
इस महीने आठ अरब हो जाएगी दुनिया की आबादी (प्रतीकात्मक फोटो- Pixabay)
संकट है या नहीं?
जहां तक पृथ्वी की आबादी या अधिक जनसंख्या की बात है तो इस पर विशेषज्ञों को मत विभाजित रहा है। बहुत से लोग जनसंख्या को एक समस्या के रूप में नहीं देखते हैं, लेकिन संसाधनों की अधिक खपत एक प्रमुख चिंता है। संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की प्रमुख नतालिया कनेम की मानें तो आठ अरब लोग "मानवता के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है"। कनेम के लिए, यह जीवन प्रत्याशा में वृद्धि और कम मातृ एवं शिशु मृत्यु का संकेत देता है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष की प्रमुख भी जानती हैं कि यह मील का पत्थर उत्सवों से ज्यादा चिंताओं को जन्म देता है।
बोझ नहीं मानते विशेषज्ञ
विशेषज्ञों के अनुसार, दुनिया को अधिक जनसंख्या के बारे में नहीं बल्कि सबसे धनी लोगों द्वारा पृथ्वी के संसाधनों के अति-उपभोग के बारे में चिंता करनी चाहिए। कनेम कहती हैं- "मैं यहां स्पष्ट रूप से कह रही हूं कि लोगों की भारी संख्या डर का कारण नहीं है।" रॉकफेलर यूनिवर्सिटी के जोएल कोहेन भी कनेम के साथ सहमत दिखते हैं। वो कहते हैं- "किसके लिए बहुत अधिक है, किस लिए बहुत अधिक है? यदि आप मुझसे पूछें, तो क्या मैं बहुत अधिक हूं? मुझे ऐसा नहीं लगता।" कोहेन के अनुसार, 'प्राकृतिक सीमाएं' और 'मानव विकल्प' ऐसे दो प्रश्न हैं जिनका उत्तर हमें देना होगा, यदि हमें यह समझना है कि पृथ्वी कितने लोगों का बोझ उठा सकती है।
क्या है वास्तविकता
ग्लोबल फुटप्रिंट नेटवर्क और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ गैर-सरकारी संगठनों की मानें तो अभी जितनी जनसंख्या है, उसके लिए हमें 1.75 पृथ्वी के बराबर बायो कैपेसिटी की आवश्यकता होगी। एएफपी समाचार एजेंसी ने थिंक टैंक विल्सन सेंटर के एक शोधकर्ता जेनिफर स्क्यूबा के हवाले से कहा- "पृथ्वी पर हमारा प्रभाव, हमारी संख्या से कहीं अधिक हमारे व्यवहार से पड़ता है। वास्तव में मैं जिस एयर कंडीशनिंग का आनंद लेता हूं, जो पूल मेरे पास है और जो मांस मैं रात में खाता हूं, वह अधिक नुकसान पहुंचाता है।"
ग्लोबल फुटप्रिंट नेटवर्क और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ का मानना है कि अगर हर इंसान भारत के नागरिक की तरह जीना शुरू कर देता है, तो आवश्यकता कम होगी, लेकिन अमेरिका की तरह जीना शुरू कर देता है तो हमें एक वर्ष में पांच पृथ्वी की आवश्यकता होगी।
देश और दुनिया की ताजा ख़बरें (Hindi News) अब हिंदी में पढ़ें | देश (india News) की खबरों के लिए जुड़े रहे Timesnowhindi.com से | आज की ताजा खबरों (Latest Hindi News) के लिए Subscribe करें टाइम्स नाउ नवभारत YouTube चैनल
अक्टूबर 2017 में डिजिटल न्यूज़ की दुनिया में कदम रखने वाला टाइम्स नाउ नवभारत अपनी एक अलग पहचान बना चुका है। अपने न्यूज चैनल टाइम्स नाउ नवभारत की सोच ए...और देखें
Delhi की महिला कांस्टेबलों को सैल्यूट, 9 महीने में 104 लापता बच्चों को उनके परिवारों से मिलाया
Rashtrapati Ashiana: जनता के लिए खुलेगा देहरादून स्थित 'राष्ट्रपति आशियाना', तैयारी शुरू
ED मामले में मंजूरी की प्रति को लेकर अरविंद केजरीवाल ने ट्रायल कोर्ट में दायर की नई याचिका
Manipur Violence: विधायकों के घर जलाने के मामले में कार्रवाई, दो आरोपी और गिरफ्तार
महाराष्ट्र में महायुति की सरपट दौड़ी गाड़ी, अघाड़ी बनी पिछाड़ी, BJP की सुनामी में उड़ गया MVA
© 2024 Bennett, Coleman & Company Limited