World Largest Office: अब भारत में दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग, पेंटागन से छीना तमगा

World Largest Office: सूरत में बनकर तैयार हुई इमारत में हीरा व्यापार केंद्र होगा। 15 मंजिला इमारत 35 एकड़ भूमि में फैली हुई है। इसमें नौ आयताकार स्ट्रक्चर भी हैं, जो सेंट्रल स्पाइन के माध्यम से आपस में जुड़े हुए हैं। इसके अलावा 7.1 मिलियन वर्ग फुट से अधिक में इसका फ्लोरिंग एरिया है।

Worlds largest office

सूरत में दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस ब्लिडिंग (स्क्रीन ग्रैब)

World Largest Office: दुनिया की सबसे बड़ी ऑफिस बिल्डिंग अब भारत में होगी। गुजरात के सूरत में यह इमारत बनकर तैयार हो चुकी है। इसी साल नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस इमारत का आधिकारिक उद्घाटन भी करेंगे। बता दें, बीते 80 साल से दुनिया की सबसे बड़ी इमारत का तमगा अमेरिकी रक्षा मंत्रालय के दफ्तर पेंटागन के पास था, लेकिन सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अब यह उपाधि सूरत की एक इमारत ने ले ली है।

रिपोर्ट के मुताबिक, सूरत में बनकर तैयार हुई इमारत में हीरा व्यापार केंद्र होगा। सूरत डायमंड बोर्स डायमंड कटर, पॉलिशर्स और व्यापारियों सहित 65 हजार से अधिक हीरा पेशेवरों के लिए वन स्टॉप डेस्टिनेशन होगा। बता दें, सूरत को दुनिया के जेम कैपिटल के रूप में भी जाना जता है। यहां दुनिया के 90 फीसदी हीरे तराशे जाते हैं।

35 एकड़ में बनी है इमारत

जानकारी के मुताबिक, सूरत में बनी 15 मंजिला इमारत 35 एकड़ भूमि में फैली हुई है। इसमें नौ आयताकार स्ट्रक्चर भी हैं, जो सेंट्रल स्पाइन के माध्यम से आपस में जुड़े हुए हैं। सूरत डायमंड बोर्ड की वेबसाइट के मुताबिक, इस इमरात में एक मनोरंजन क्षेत्र और एक पार्किंग क्षेत्र भी है, जो 20 लाख वर्ग फुट में फैला हुआ है। इसके अलावा 7.1 मिलियन वर्ग फुट से अधिक में इसका फ्लोरिंग एरिया है। इस इमारत को बनने में लगभग चार साल का वक्त लगा है।

क्या है एसडीबी डायमंड बोर्स

एसडीबी डायमंड बोर्स एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो कंपनी अधिनियम, 2013 की धारा 8 के तहत पंजीकृत कंपनी है और सूरत, गुजरात में डायमंड बोर्स की स्थापना और प्रचार के लिए बनाई गई है। सीएनएन से बात करते हुए, परियोजना के सीईओ महेश गढ़वी ने कहा कि नया भवन परिसर हजारों लोगों को व्यवसाय करने के लिए ट्रेन से दैनिक - यात्रा करने से बचाएगा। उन्होंने बताया, इस इमारत को एक अंतरराष्ट्रीय डिजाइन प्रतियोगिता के बाद भारतीय आर्किटेक्चर फर्म मॉर्फोजेनेसिस द्वारा डिजाइन किया गया है। उन्होंने बताया, पेंटागन को पछाड़ना प्रतिस्पर्धा का हिस्सा नहीं था। बल्कि, परियोजना का आकार मांग से तय होता था। उन्होंने बताया, इमारत बनने से पहले ही कई व्यापारियों ने यहां ऑफिस खरीद लिए हैं।

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प्रांजुल श्रीवास्तव author

मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें

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