अब बजरंग पुनिया ने लौटाया पद्मश्री, साक्षी मलिक के संन्यास से गहराया विवाद; जानिए क्या है पूरा माजरा
Bajrang Punia: दिग्गज भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस लौटाने का ऐलान किया है। उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम पत्र भी लिखा है। कहा है - अब कोई पद्मश्री कहकर बुलाएगा तो घिन्न आएगी।
बजरंग पुनिया ने लौटाया पद्मश्री
Bajrang Punia: दिग्गज भारतीय पहलवान बजरंग पुनिया ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने अपना पद्मश्री पुरस्कार वापस लौटाने का ऐलान किया है। बजरंग पुनिया ने यह घोषणा एक्स पर की है। उन्होंने लिखा, 'मैं अपना पद्मश्री पुरस्कार प्रधानमंत्री जी को वापस लौटा रहा हूं। कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है। यही मेरी स्टेटमेंट है।' इसके साथ पूनिया ने एक पत्र भी साझा किया है।
बता दें, बजरंग पुनिया की ओर से इस प्रकार की घोषणा तब की गई है, जब एक दिन पहले साक्षी मलिक ने भी संन्यास का ऐलान कर दिया था। दरअसल, भारतीय कुश्ती महासंघ के चुनाव में बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के अध्यक्ष निर्वाचित होने से साक्षी मलिक ने संन्यास का ऐलान किया था। मलिक ने एक प्रेस कांन्फ्रेंस के दौरान इस तरह की घोषणा की गई थी, इस दौरान उनकी आंखों में आंसू भी देखे गए। साक्षी मलिक ने संजय सिंह पर बृजभूषण शरण सिंह का बिजनेस पार्टनर होने जैसे आरोप लगाए और कुश्ती को अलविदा कह दिया। इसके बाद इस मुद्दे पर देश में राजनीति शुरू हो गई।
पूनिया ने प्रधानमंत्री के नाम लिखा पत्र
बजरंग पूनिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र लिखा है। इसे उन्होंने एक्स पर साझा भी किया है। पूनिया ने कहा है कि जब हम किसी कार्यक्रम में जाते थे तो मंच संचालक हमें पद्मश्री, खेलरत्न और अर्जुन अवार्डी पहलवान बताकर हमारा परिचय करवाता था तो लोग बड़े चाव से तालियां पीटते थे। अब कोई ऐसे बुलाएगा तो घिन्न आएगी क्योंकि इतने सम्मान होने के बाद एक सम्मानिज जीवन जो हम महिला पहलवान जीना चाहती है, उससे उन्हें वंचित कर दिया गया। उन्होंने आगे लिखा, मुझे ईश्वर में पूरा विश्वास है उनके घर देर है अंधेर नहीं। अन्याय पर एक दिन न्याय की जरूर जीत होगी।
हमारी रात रोते हुए निकली
बजरंग पूनिया ने इस पत्र में आगे लिखा कि बीते 21 दिसंबर को कुश्ती संघ के चुनाव में बृजभूषण एक बार दोबारा काबिज हो गया। उसने स्टेटमेंट दी कि दबदबा है और दबदबा रहेगा। महिला पहलवानों के यौन शोषण का आरोपी सरेआम दोबारा कुश्ती का प्रबंधन करने वाली इकाई पर अपना दबदबा होने का दावा कर था। हम सीीा की रात रोते हुए निकली। समझ नहीं आ रहा था कि कहां जाएं और क्या करें, कैसे जीएं। उन्होंने आगे लिखा साल 2019 में मुझे पद्मश्री दिया गया था, लेकिन आज ये सम्मन मुझे कचोट रहा है। इसका सिर्फ एक ही कारण है, जिस कुश्ती के लिए ये सम्मान मिले उसमें हमारी साथी महिला पहलवानों को अपनी सुरक्षा के लिए कुश्ती तक छोड़नी पड़ रही है।
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प्रांजुल श्रीवास्तव author
मैं इस वक्त टाइम्स नाउ नवभारत से जुड़ा हुआ हूं। पत्रकारिता के 8 वर्षों के तजुर्बे में मुझे और मेरी भाषाई समझ को गढ़ने और तराशने में कई वरिष्ठ पत्रक...और देखें
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