Wrestlers Protest: जंतर-मंतर से हरिद्वार, अब इंडिया गेट जाने की तैयारी, 5 प्वाइंट में जानिए सब कुछ

देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में बहा देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे।

Wrestlers Protest

पहलवानों का विरोध-प्रदर्शन

Wrestlers Protest: भारतीय कुश्ती महासंघ के निवर्तमान अध्यक्ष व बीजेपी सांसद बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के नामी-गिरामी पहलवानों का प्रदर्शन खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। विरोध प्रदर्शन का अब दूसरा दौर शुरू हो गया है। दिल्ली पुलिस द्वारा 28 मई को हिरासत में लिए गए और जंतर-मंतर में धरना स्थल से हटाए गए देश के शीर्ष पहलवानों ने मंगलवार को कहा कि वे कड़ी मेहनत से जीते अपने पदक गंगा नदी में बहा देंगे और इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इसके बाद पहलवान हरिद्वार पहुंचे गए लेकिन नरेश टिकैत समझाने पर वापस दिल्ली आ गए। ये पहलवान अब इंडिया गेट पर आमरण अनशन की योजना बना रहे हैं। इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ, 5 प्वाइंट में समझिए।

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  • बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक, विनेश फौगाट सहित कई नामी पहलवानों मंगलवार को अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने का ऐलान किया और हरिद्वार पहुंच गए। साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया सहित देश के शीर्ष पहलवान मंगलवार को गंगा नदी में अपने पदक बहाने सैकड़ों समर्थकों के साथ हर की पौड़ी पहुंचे जहां पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी। प्रदर्शन कर रहे पहलवान जैसे अपने विश्व और ओलंपिक पदक गंगा नदी में बहाने को तैयार हुए वैसे ही हर की पौड़ी पर काफी भीड़ इकट्ठा हो गई। साक्षी, विनेश और उनकी चचेरी बहन संगीता सुबकती दिखायी दीं और उनके पति उन्हें सांत्वना देने की कोशिश कर रहे थे। उनके समर्थकों ने उनके चारों ओर घेरा बनाया हुआ था। पहलवान हर की पौड़ी पहुंचकर करीब 20 मिनट तक चुपचाप खड़े रहे। फिर वे गंगा नदी के किनारे अपने पदक हाथ में लेकर बैठ गए।
  • साक्षी ने बयान में कहा, पदक हमारी जान हैं, हमारी आत्मा हैं। हम इन्हें गंगा में बहाने जा रहे हैं क्योंकि वह गंगा मां है। इनके गंगा में बहने के बाद हमारे जीने का कोई मतलब नहीं रह जाएगा इसलिए हम इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठ जाएंगे। साक्षी की साथी पहलवान विनेश फोगाट ने भी इस बयान को शेयर किया। साक्षी ने कहा, जितना पवित्र हम गंगा को मानते हैं उतनी ही पवित्रता से हमने मेहनत करके इन पदकों को हासिल किया था। ये पदक सारे देश के लिए ही पवित्र हैं और पवित्र पदक को रखने की सही जगह पवित्र मां गंगा ही हो सकती है, ना कि हमें मुखौटा बनाकर फायदा लेने के बाद हमारे उत्पीड़क के साथ खड़ा हो जाने वाला हमारा अपवित्र तंत्र।
  • उन्होंने कहा, इंडिया गेट हमारे उन शहीदों की जगह है जिन्होंने देश के लिए अपनी देह त्याग दी। हम उनके जितने तो पवित्र नहीं हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेलते हुए हमारी भावना भी उन सैनिकों जैसी ही थी। साक्षी ने कहा कि तंत्र ने उत्पीड़क को पकड़ने की जगह पीड़ितों को डराने और विरोध रोकने का प्रयास किया। पहलवानों को लगता है कि पदक की कोई कीमत नहीं है और इन्हें वापस करना चाहते हैं। उन्होंने इच्छा जताई कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मुद्दे का हल निकालते। साक्षी ने कहा, ये पदक अब हमें नहीं चाहिए क्योंकि इन्हें पहनाकर हमें मुखौटा बनाकर यह तंत्र सिर्फ अपना प्रचार करता है और फिर हमारा शोषण करता है। हम उस शोषण के खिलाफ बोलें तो हमें जेल में डालने की तैयारी कर लेता है।
  • इसके बाद किसान नेता नरेश टिकैत अपने दल-बल के साथ यहां पहुंचे। उनके समझाने पर पहलवान मान गए और अपने मेडल गंगा में नहीं बहाए। टिकैत ने इनसे पांच दिन का समय मांगा है। इसके बाद सभी पहलवान अपने मेडल टिकैत को सौंप वापस दिल्ली लौट आए। इसी के साथ किसानों के संगठन ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ ने बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ्तार करने की मांग कर रहे पहलवानों के समर्थन में एक जून को देशव्यापी प्रदर्शन करने का मंगलवार को आह्वान किया। एसकेएम ने एक बयान में कहा कि उसने भारतीय पहलवानों तथा समाज के सभी अन्य वर्गों के प्रदर्शन करने के लोकतांत्रिक अधिकार की रक्षा करने और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग के लिए देशव्यापी प्रदर्शन का आह्वान किया है।
  • मंगलवार को ही पहलवानों ने ऐलान किया कि वे दिल्ली में इंडिया गेट पर आमरण अनशन पर बैठेंगे। इससे लेकर दिल्ली पुलिस भी सतर्क हो गई। हालांकि दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को कहा कि वे इंडिया गेट पर उन्हें प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं देंगे क्योंकि यह राष्ट्रीय स्मारक है, प्रदर्शन करने की जगह नहीं। पुलिस ने कहा कि इन्हें यहां धरना प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं दी गई है। इसके मद्देनजर पुलिस ने इंडिया गेट पर सुरक्षा के सख्त इंतजाम किए हैं। पुलिस पूरी तरह से अलर्ट है। ऐसे में आज का दिन बेहद अहम है कि क्या पहलवान यहां अनशन करने पहुंचेंगे।

पुलिस ने किया था मामला दर्ज

बता दें कि रविवार को दिल्ली पुलिस ने साक्षी के साथ विश्व चैंपियनशिप की कांस्य विजेता विनेश फोगाट और एक अन्य ओलंपिक पदक विजेता बजरंग पूनिया को हिरासत में लिया और बाद में उनके खिलाफ मामला दर्ज किया। जंतर-मंतर पर ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप के पदक विजेताओं को दिल्ली पुलिस ने जबरदस्ती बस में डाला जब रविवार को पहलवानों और उनके सामर्थकों ने सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश की। पहलवानों को नए संसद भवन की ओर बढ़ने की अनुमति नहीं थी। इसी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इसका उद्घाटन करना था और पुलिस ने जब पहलवानों और उनके समर्थकों को रोका तो उनके बीच धक्का-मुक्की भी हुई।

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अमित कुमार मंडल author

करीब 18 वर्षों से पत्रकारिता के पेशे से जुड़ा हुआ हूं। इस दौरान प्रिंट, टेलीविजन और डिजिटल का अनुभव हासिल किया। कई मीडिया संस्थानों में मिले अनुभव ने ...और देखें

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