चीन का ही जैविक हथियार था 'कोरोना': वुहान के रिसर्चर का बड़ा खुलासा, जानिए क्या कहते हैं भारत के हेल्थ एक्सपर्ट
covid-19 Virus: वुहान के रिसर्चर ने दावा किया है कि चीन ने कोविड-19 को जैविक हथियार के रूप मे इस्तेमाल किया था। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्चर ने कोरोनावायरस को लेकर दावा किया है कि कोविड-19 का वायरस, चीन ने जैव हथियार यानी बॉयो-वेपन के तौर पर तैयार किया गया था।
Corona Virus
covid-19 Virus: बीते 4 सालों से दुनियाभर में लोगों ने कोरोना वायरस का सामना किया है । भारत में बहुत से लोगों की मौत भी कोरोना की वजह से हुई है और आज भी हर रोज कोरोना के मामले सामने आ रहे हैं। इस बीच एक बार फिर से यह चर्चा सामने आई है कि आखिर कोरोना का जन्म कब और कहां हुआ था।
अब चीन के वुहान के एक रिसर्चर ने इस बात का खुलासा किया है कि चीन ने जानबूझकर कोरोनावायरस को जैविक हथियार के तौर पर तैयार किया था। वुहान के रिसर्चर के बड़े खुलासे पर भारत के हेल्थ एक्सपर्ट की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। यह दावा भारत के वैज्ञानिकों की तरफ से बहुत पहले से ही किया जा रहा था की चीन ने बड़ी साजिश के तहत ऐसा किया है। बता दें, वुहान के रिसर्चर ने दावा किया है कि चीन ने कोविड-19 को जैविक हथियार के रूप मे इस्तेमाल किया था। वुहान इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के रिसर्चर ने कोरोनावायरस को लेकर दावा किया है कि कोविड-19 का वायरस, चीन ने जैव हथियार यानी बॉयो-वेपन के तौर पर तैयार किया गया था।
भारत ने पहले ही लगाया था अनुमान
एक बार फिर से भारतीय वैज्ञानिकों और डॉक्टरों की प्रतिक्रिया कोविड को लेकर सामने आ रही है। यथार्थ हॉस्पिटल के सीनियर डॉक्टर प्रखर गर्ग ने बताया कि यह काफी ज्यादा शॉकिंग है। भारत में यह अनुमान पहले ही लगाया था कि चाइना में इस वायरस का जन्म हुआ है और इसे चीन बॉयो-वेपन की तरह इस्तेमाल कर रही है। भारत में काफी लोगों ने अपनी जान कोरोना वायरस से गंवाई है यहां तक कि कई देशों में इससे नुकसान भी हुआ है। चीन में भी लोगों की मौत हुई और वहां पर भी काफी नुकसान हुआ है।
डॉक्टर प्रखर ने कोरोना काल के बारे में बताते हुए कहा कि शुरुआत में हमें इस वायरस के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हमने धीरे-धीरे इसके बारे में जानकारी हासिल की और इससे निकलकर बाहर आए। आगे भी कोई देश इस तरह के वायरस का इस्तेमाल बॉयो-वेपन के तौर पर तैयार कर रहा है तो ऐसा नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा, भविष्य के लिए हम सब को एकजुट होकर रहना पड़ेगा ताकि हम इस तरह की लड़ाई से जीत सकें।
रिसर्चर ने किए चौंकाने वाले दावे
इंटरनेशनल प्रेस एसोसिएशन को दिए इंटरव्यू में रिसर्चर चाओ शाओ ने बताया कि मुझे और साथ ही मेरे साथ काम करने वाले मेरे साथियों को टेस्टिंग के लिए वायरस के 4 स्ट्रेन्स दिए गए थे। कहा गया था कि इसमें से ये पता लगाया जाए कि कौन सा स्ट्रेन सबसे ज्यादा लोगों को संक्रमित कर सकता है। रिसर्चर ने 26 मिनट के इंटरव्यू मे कई बड़े खुलासे किये, जिसमे रिसर्चर ने बताया कि कैसे उनके एक साथी शान चाओ को covid के स्ट्रेन्स पर टेस्टिंग करने और पता लगाने को कहा गया कि कौन सा स्ट्रेन सबसे जल्दी और सबसे तेज इंसानो में इंफेक्शन फैला सकता है। बता दें, कुछ दिन पहले ही एक अमेरिकी रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस चीन की वुहान लैब से ही लीक हुआ था और बाद में यह पूरी दुनिया में फैल गया। इस रिपोर्ट के मुताबिक वुहान लैब के तीन वैज्ञानिक सबसे पहले कोरोना वायरस के शिकार हुए थे। ये 3 वैज्ञानिक बेन हू, यू पिंग और यान झू थे।
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भावना किशोर author
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर मूल की भावना ने देश के प्रतिष्ठित संस्थान IIMC से 2014 में पत्रकारिता की पढ़...और देखें
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