बिना अनुमति सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया यासीन मलिक, मची सनसनी; सॉलिसिटर जनरल बोले- वो भाग सकता था
Yasin Malik: शीर्ष अदालत ने सीबीआई की अपील पर 24 अप्रैल को एक नोटिस जारी किया था जिसके बाद मलिक ने 26 मई को उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था और अपने मामले की पैरवी के लिए व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित रहने की मंजूरी का अनुरोध किया था।
बिना अनुमति सुप्रीम कोर्ट पहुंचा यासीन मलिक
बिना इजाजत आया बाहर
अधिकारियों की गलती
शीर्ष अदालत ने सीबीआई की अपील पर 24 अप्रैल को एक नोटिस जारी किया था जिसके बाद मलिक ने 26 मई को उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था और अपने मामले की पैरवी के लिए व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित रहने की मंजूरी का अनुरोध किया था। मामले में एक सहायक रजिस्ट्रार ने 18 जुलाई को मलिक के अनुरोध पर गौर किया और कहा कि शीर्ष अदालत आवश्यक आदेश पारित करेगी। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने प्रत्यक्ष तौर पर इसे गलत समझा कि मलिक को अपने मामले की पैरवी के लिए उच्चतम न्यायालय में पेश किया जाना है। मेहता ने जब मलिक की अदालत कक्ष में मौजूदगी पर प्रश्न किया तो पीठ ने कहा कि उसने मलिक को कोई अनुमति नहीं दी या व्यक्तिगत तौर पर अपने मामले की जिरह की अनुमति देने वाला कोई आदेश परित नहीं किया।मेहता ने लिखा पत्र
किस मामले में कोर्ट पहुंचा यासीन
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