बिना अनुमति सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया यासीन मलिक, मची सनसनी; सॉलिसिटर जनरल बोले- वो भाग सकता था

Yasin Malik: ​शीर्ष अदालत ने सीबीआई की अपील पर 24 अप्रैल को एक नोटिस जारी किया था जिसके बाद मलिक ने 26 मई को उच्चतम न्यायालय के रजिस्ट्रार को पत्र लिखा था और अपने मामले की पैरवी के लिए व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित रहने की मंजूरी का अनुरोध किया था।

बिना अनुमति सुप्रीम कोर्ट पहुंचा यासीन मलिक

Yasin Malik: आतंकी वित्तपोषण मामले में तिहाड़ जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (JKLF) का प्रमुख यासीन मलिक अचानक से सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया। वो भी बिना अनुमति के। यासीन इस समय तिहाड़ जेल में बंद है। यासीन जब सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तब कोर्टरूम खचाखच भरा था और जैसे ही लोगों की नजर यासीन पर पड़ी, वहां हलचल मच गई। सनसनी फैल गई। जज और सॉलिस्टर जनरल भी उसे देखर हैरान रह गए।

बिना इजाजत आया बाहर

मलिक की मौजूदगी पर आश्चर्य जताते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत तथा न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ से कहा कि उच्च जोखिम वाले दोषियों को अपने मामले की व्यक्तिगत तौर पर पैरवी करने के लिए अदालत कक्ष में आने की मंजूरी देने की एक प्रक्रिया है। सीबीआई ने अदालत को बताया कि जेकेएलएफ का शीर्ष नेता मलिक राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है और उसे तिहाड़ जेल परिसर से बाहर ले जाए जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
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