Modi 3.0: भारत की सियासत में लिखा गया नया अध्याय, जब नरेंद्र मोदी ने की जवाहरलाल नेहरू की बराबरी

Look back Politics 2024: भारत की सियसत में साल 2024 में वैसे तो कई सियासी उलटफेर देखे गए, लेकिन इस बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों ने एक नया इतिहास रच दिया। नरेंद्र मोदी ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की बराबरी कर ली। मोदी सरकार 3.0 में भाजपा को भले पूर्ण बहुमत हासिल न हुआ हो, लेकिन एनडीए सरकार ने अपने फैसलों से ये बता दिया कि वो आसानी से डगमगाने वाली नहीं है।

जब मोदी ने की नेहरू की बराबरी।

9 जून, 2024 ये तारीख भारतीय राजनीति के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों से दर्ज हो चुकी है। ये वही दिन था, जब भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहलाल नेहरू के रिकॉर्ड की पहली बार बराबरी हुई। दुनिया के सबसे लोकप्रिय नेताओं की सूची में शुमार और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता नरेन्द्र मोदी ने लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री पद की शपथ लेकर इसी दिन इतिहास रच दिया था। इसके साथ ही वह इस उपलब्धि को हासिल करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता और जवाहरलाल नेहरू के बाद दूसरे ऐसे नेता बन गए हैं। बहुत कम ही लोगों ने सोचा होगा कि भाजपा का कोई नेता यह उपलब्धि हासिल कर सकेगा।

भाजपा के रथ को मोदी ने तीसरी बार शिखर तक पहुंचाया

मोदी को तीसरे कार्यकाल में जनादेश पूर्व के दो कार्यकालों की तरह नहीं मिला है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा अपने दम पर बहुमत हासिल करने में विफल रही। चुनाव से पूर्व भाजपा ने चार सौ पार का नारा दिया था लेकिन वह अपने गठबंधन के सहयोगियों के साथ तीन सौ के आंकड़े को भी पार नहीं कर सकी। इस लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और ‘इंडिया’ गठबंधन के घटक दलों ने पिछले चुनाव के मुकाबले बेहतर प्रदर्शन किया और उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान सहित कई हिन्दी पट्टी के क्षेत्रों में भाजपा के रथ को रोकने में सफलता हासिल की। यही कारण रहा कि नतीजों के बाद विपक्षी दलों ने चुनाव परिणामों को मोदी की ‘नैतिक हार’ करार दिया। कांग्रेस को इस चुनाव में 99 सीटों पर सफलता मिली। बहरहाल, यह भाजपा की विशाल राजनीतिक उपस्थिति का ही परिणाम है कि लगातार तीसरे लोकसभा चुनाव में उसने 240 सीटें हासिल कर सबसे बड़े दल का तमगा हासिल किया। भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) ने 293 सीटें जीती। प्रधानमंत्री मोदी ने इसे किसी भी चुनाव-पूर्व गठबंधन की सबसे बड़ी सफलता करार दिया है।

मोदी के इर्द-गिर्द ही घूमने वाली है भारतीय राजनीति

चुनावों से मिली चुनौतियों के बावजूद, आने वाले वर्षों में भारतीय राजनीति नरेंद्र मोदी के इर्द-गिर्द ही घूमने वाली है। हालांकि, इस दौरान उन्हें गठबंधन की राजनीति के विभिन्न पहलुओं का सामना करना पड़ेगा। गोधरा ट्रेन अग्निकांड के बाद राज्य में हुए दंगों के साये में 2002 में गुजरात विधानसभा चुनावों में पहली बार भाजपा का नेतृत्व करने के बाद से मोदी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। हालांकि उनके विरोधियों ने 2002 में उन्हें राजनीतिक रूप से खारिज कर दिया था, लेकिन वह अपनी पार्टी के लिए हिंदुत्व और विकास का विजयी मिश्रण बनकर ताकत के साथ उभरते चले गए। मोदी ने 2002, 2007 और 2012 में गुजरात में पार्टी का नेतृत्व किया और सत्ता में पहुंचाया और इसके बाद 2014 और 2019 में केंद्र में अपनी पार्टी को जीत दिलाने और सत्ता तक पहुंचाने में सबसे अहम भूमिका निभाई। हालांकि इस बार भाजपा की जीत सबसे अलग है क्योंकि वह अपने दम पर बहुमत लाने में विफल रही।

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