'मनमोहन सिंह के साथ मैंने न्याय नहीं किया, वे आलोचना के पात्र नहीं थे', पॉडकास्ट में योग गुरु बाबा रामदेव ने याद कीं पुरानी बातें

Yog Guru Baba Ramdev Podcast : योग गुरु बाबा रामदेव ने बताया कि उनके व्यक्तित्व में दृढ़ता उनके पिता की वजह से आई। उन्होंने बताया कि पिता उनके अत्यंत कठोर थे। एक बार जब वह भैंस को पानी पिलाना भूल गए तो पिता ने गांव भर में दौड़ाया था। रामदेव ने कहा कि व्यक्ति को करुणा का पक्ष ज्यादा आकर्षित करता है। उनके पिता अभी जिंदा हैं।

योग गुरु बाबा रामदेव ने अपने जीवन से जुड़े किस्से सुनाए।

Yog Guru Baba Ramdev Podcast : मनुष्य अपने जीवन की घटनाओं और बड़े लोगों से बहुत कुछ सीखता है। मैंने भी बड़ों लोगों से सीखा और उनके जीवन ने मुझे प्रेरित किया। सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक जीवन के हर क्षेत्र में मुझे बड़ी हस्तियों का स्नेह और आशीर्वाद मिला लेकिन एक बात है जो मुझे आज भी परेशान करती है। वह है, मनमोहन सिंह की आलोचना। जब वह प्रधानमंत्री थे तो उनकी मैंने कई बार कड़ी आलोचना की। वह आलोचना के पात्र नहीं थे। ये बातें योग गुरु बाबा रामदेव ने इन्फ्लुएंसर एवं युवा उद्यमी राज शमानी के साथ पॉडकास्ट में कहीं।

'मां से मैंने शील और संयम सीखा'

शमानी द्वारा यह पूछे जाने पर कि योग गुरु अपने जीवन के मिशन पर जब आगे बढ़े तो किन लोगों ने उनकी मदद की। इस सवाल पर योग गुरु ने कहा कि 'सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक तौर पर कई बार कोई बड़ा आदमी आपकी मदद कर देता है। ज्ञान, आयु, शील और चरित्र में मुझसे जो लोग बड़े थे, और जिनके साथ मेरा संपर्क था। इन लोगों ने मुझे आशीर्वाद दिया। सबसे ज्यादा मुझे मेरी मां गुलाब देबी का आशीर्वाद मिला। शील की रक्षा कैसी करनी है, इसे मेरी मां ने सिखाया। मां ने मुझे संयम दिया। मां के बाद मैंने अपने गुरु आचार्य बलदेव से बहुत कुछ सीखा। मैंने उनसे अष्टाध्यायी के 10 हजार सूत्र पढ़े। व्याकरण से ज्यादा उन्होंने मुझे आचरण पढ़ाया। वह तपस्वी थे। जीवन के लिए उन्होंने जो नियम बताए, हम उन पर चलते रहे।'

मेरे ऊपर बड़ी हस्तियों का आशीर्वाद रहा-योग गुरु

राम देव ने आगे कहा, 'मैं देखता हूं आज राजनीति में, श्रद्धेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर वाजपेयी जी, मनमोहन सिंह जी, नरसिम्हा राव जी, गुलजारीलाल नंदा जी, और चंद्रशेखर जी तक पांच सात प्रधानमंत्रियों एवं राष्ट्रपतियों और वर्तमान और पूर्व 50 मुख्यमंत्रियों के साथ मेरे आत्मीय संबंध रहे। भैरो सिंह शेखावत मुझे बेटे की तरह प्रेम करते थे। हर एक क्षेत्र की बड़ी हस्तियों का मुझ पर आशीर्वाद रहा है। करीब 20 साल पहले मैंने अमिताभ बच्चन को प्राणायाम सिखाया। मुंबई में अनंत अंबानी की शादी में मैं वहां पहुंचा तो अमिताभ दूर से चलकर मेरे पास आ गए। मैं एक बात हमेशा मानता हूं व्यक्ति को बड़ों का सम्मान मिलना चाहिए क्योंकि उनकी दुआएं और जीवन की प्रेरणा हमें बड़ा बनाने का काम करती हैं।'

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