योग के लिए PM Modi ने टीम बनाई-मेहनत की, आज मिली अंतरराष्ट्रीय पहचान
Yoga Day: मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉ. ईश्वर बसवा रेड्डी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय परंपरा और संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहते हैं। वह हर पल सिर्फ हमारे राष्ट्र के लिए ही सोचते हैं।
Yoga Day: देश और दुनिया में आज योग दिवस की धूम है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में योग कार्यक्रम का हिस्सा बनें। इतना ही नहीं केंद्र सरकार के कई मंत्रियों ने भी योग दिवस पर अलग-अलग जगह जाकर योग से जुड़े कार्यक्रमों में हिस्सा लिया है। इसके अलावा राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी राष्ट्रपति भवन में योग कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
देश में योग के विस्तार और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में मोरारजी देसाई राष्ट्रीय योग संस्थान के निदेशक डॉ. ईश्वर बसवा रेड्डी की महत्वपूर्ण भूमिका है। रेड्डी पिछले 9 सालों से मनाए जा रहे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियों को करते आ रहे है। उनका कहना है कि पीएम मोदी के नेतृत्व में योग को आज एक अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है।
हर पल राष्ट्र के बारे में सोचते हैं पीएम मोदी
रेड्डी ने कहा कि इस बार अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम 'योगा विद वसुधैव कुटुंबकम' है। क्योंकि इस बार जी 20 समिट की अध्यक्षता भारत कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भारतीय परंपरा और संस्कृति को विश्व के कोने-कोने तक पहुंचाना चाहते हैं। वह हर पल सिर्फ हमारे राष्ट्र के लिए ही सोचते हैं। यही वजह है कि जब वह पीएम बने तब उन्होंने यह योग को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने के लिए टीम बनाई और मेहनत की, जिसका नतीजा पूरे विश्व के सामने आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के तौर पर है।
शुरुआती दिनों में हुई कई परेशानियां
उन्होंने कहा कि योग के विस्तार के दौरान हमें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा। जैसे जम्मू कश्मीर में महिलाएं बुर्का पहन कर आती थी। वह हमसे अपने पहचान की गोपनीयता छुपाए रखने का आग्रह करती थी। वही लद्दाख में योग शिक्षक नहीं थे तो हमने वहां से कुछ लोगों को चुनकर दिल्ली में ट्रेनिंग दी और उन्हें योग के लिए योग्य शिक्षक बनाया। इस पूरे योग के विकास और उसके विस्तार को लेकर प्रधानमंत्री मोदी बहुत बारीकी से ध्यान रखते हैं।
जम्मू-कश्मीर में भी महिलाएं कर रहींं योग
आज जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद वहां की महिलाएं भी योग कर रही हैं। पहले जम्मू कश्मीर की महिलाएं बुर्के से बाहर नहीं निकलती थी। अब योग कर रही हैं और करवा भी रही हैं। योग को किसी धार्मिक या मजहबी दायरे में नहीं बांधना चाहिए। क्योंकि योग हर शरीर को निरोग रखता है इसलिए किसी भी वर्ग के द्वारा योग और उसकी पद्धति का विरोध करना ठीक नहीं है।
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