योगी सरकार का बड़ा फैसला, मुफ्त खाद्यान्न में गेहूं, चावल के साथ अब मोटा अनाज बाजरा भी मिलेगा

Free Ration scheme : स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मोटा अनाज की अहमियत काफी ज्यादा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि बदलती जीवन शैली में मोटे अनाज मनुष्य के लिए ज्यादा सेहतमंद हैं। साल 2023 को 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' घोषित किया गया है।

यूपी में गरीबों को राशन में अब मोटा अनाज भी मिलेगा।

Free Ration scheme : उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के लोगों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीरता दिखाते हुए एक बड़ा फैसला किया है। राज्य सरकार ने नि:शुल्क कार्ड धारकों को वितरित होने वाले मुफ्त खाद्यान्न में बाजरा को शामिल करने का फैसला किया है। इस आशय का आदेश गुरुवाार को जारी हो गया। कार्ड धारकों को फरवरी से बाजरा मिलने लगेगा। हालांकि, बाजरा देने के लिए चावल-गेहूं की मात्रा कम की जाएगी। अभी हर महीने लाभार्थी को 14 किलो गेहूं और 21 किलो चावल मुफ्त दिया जाता है। अब नए फैसले के मुताबिक कार्ड धारक को हर महीने 14 किलोग्राम गेहूं, 10 किलो बाजरा और 11 किलो चावल मिलेगा।

2023 मोटा अनाज वर्ष

स्वास्थ्य को बेहतर रखने में मोटा अनाज की अहमियत काफी ज्यादा है। विशेषज्ञ मानते हैं कि बदलती जीवन शैली में मोटे अनाज मनुष्य के लिए ज्यादा सेहतमंद हैं। साल 2023 को 'अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष' घोषित किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मोटे अनाज का उत्पादन बढ़ाए जाने और इसे खाने पर कई बार जोर दे चुके हैं।

मोटा अनाज के उत्पादन पर जोर

भारत में मोटा अनाज को प्रोत्साहन देने के लिए वर्तमान समय में बहुत कुछ प्रयास किए जा रहे हैं। उत्पादन में अनुसंधान और नवाचार पर ध्यान देने के साथ-साथ कृषि उत्पादक संघ-एफपीओ नामक किसान संघों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। कई स्टार्ट अप्स मोटा अनाज एवं कुकीज बना रहे हैं। वैश्विक खाद्य और पोषण सुरक्षा, किसानों की समृद्धि और धरती माता के पुनरोद्धार को सुनिश्चित करने के लिए 'माइटी मोटा अनाज' भविष्य की दुनिया का समाधान है।

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