नितिन गडकरी ने गोवा सरकार को दे दी 'नींद से जागने' की सलाह, विपक्ष ने लपेटा; जानें क्या है माजरा
Goa Politics: गोवा की सियासत में उठापटक का दौर लगातार जारी है। पहले कैश फॉर जॉब स्कैम, फिर पर्यटक की हत्या पर सियासत, इसके बाद 'सुस्सेगाड मानसिकता' वाला मसला... इसी बीच केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गोवा की प्रमोद सावंत की सरकार को एक सलाह दी, जिसके बाद विपक्ष को सरकार को घेरने का मौका मिल गया। आपको बताते हैं कि आखिर ये माजरा क्या है।
प्रमोद सांवत और नितिन गडकरी।
Nitin Gadkari on Goa Sarkar: क्या गोवा की सियासत में कोई बड़ा खेला होने वाला है? ये सवाल हम नहीं उठा रहे हैं, बल्कि पिछले कई दिनों से सूबे में जिस तरह के सियासी उठापटक देखने को मिल रहे हैं, ऐसे सवाल उठने लाजमी हैं। पहले कैश फॉर जॉब स्कैम पर जमकर सियासी बखेड़ा देखने को मिला। खुद सीएम प्रमोद सावंत ने इसे लेकर स्पष्ट शब्दों में कहा कि इसका कोई राजनीतिक कनेक्शन नहीं है। जिसके बाद आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी जैसी क्षेत्रीय पार्टी के नेताओं ने सवाल उठाए थे। संजय सिंह ने तो सीएम की पत्नी पर भी इल्जाम लगा दिए थे, जिसके बाद उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा चल रहा है। इसके बाद गोवा के पर्यटन पर सवाल खड़े हुए। एक पर्यटक की दिनदहाड़े हत्या कर दी गई। ऐसे कई मामलों ने सभी का ध्यान गोवा की ओर खींचा। इसी बीच जुआरी ब्रिज परियोजना को लेकर विपक्ष को नया मौका उस वक्त मिल गया, जब केंद्रीय मंत्री गडकरी का सरकार को "नींद से जागने" की सलाह दे दी। आपको सारा माजरा समझाते हैं।
नितिन गडकरी के बयान के बाद विपक्ष को मिला मौका
गोवा में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर लंबे वक्त से जारी है। इसी बीच केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने गोवा सरकार पर सार्वजनिक रूप से तंज कसते हुए उन्हें "नींद से जगने" की सलाह दे दी। ऐसा उस वक्त हुआ, जब केंद्रीय मंत्री जुआरी ब्रिज पर प्रस्तावित व्यूअर गैलरी परियोजना के उद्घाटन के लिए गोवा पहुंचे थे। उनके एक बयान के बाद विपक्ष को मौका मिल गया और उन्होंने सावंत सरकार को लपेटना शुरू कर दिया।
परियोजना पर आखिर क्या बोले केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी?
न्यू जुआरी ब्रिज, जो उत्तरी और दक्षिणी गोवा को जोड़ता है, भारत के सबसे लंबे केबल ब्रिजों में से एक है। इस पुल को केवल यातायात के लिए ही नहीं, बल्कि एक पर्यटन आकर्षण के रूप में भी विकसित करने की योजना थी। इसके अंतर्गत पुल के पास एक भव्य व्यूअर गैलरी, पार्किंग स्थल, और एक आकर्षक लाइट एंड साउंड शो का निर्माण प्रस्तावित था। नितिन गडकरी ने कहा कि "जुआरी ब्रिज पर व्यूअर गैलरी बनाने की योजना थी। मैंने गोवा सरकार से जमीन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था। मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने इस परियोजना को हाथो-हाथ लेने का आश्वासन दिया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ। सरकार को अपनी नींद से जागने की जरूरत है।" उन्होंने इशारों-इशारों में गोवा सरकार के ढुलमुल रवैया पर तंज कस दिया। इसी के बाद विपक्ष को एक मौका मिल गया। उसने सरकार पर करारा प्रहार कर दिया।
गडकरी के बयान के बाद विपक्ष का गोवा सरकार पर हमला
केंद्रीय मंत्री गडकरी के इस बयान के बाद गोवा सरकार पर विपक्षी नेताओं ने तीखे हमले शुरू कर दिए। गोवा फॉरवर्ड पार्टी के नेता विजय सरदेसाई ने ट्वीट करते हुए सीएम प्रमोद सावंत की सरकार को "हमेशा के लिए सोई हुई" करार दिया। सरदेसाई ने लिखा, "क्षमा करें, गडकरी जी, प्रमोद सावंत सरकार हमेशा के लिए सोई हुई है। यह कभी नहीं जागेगी। गोवा के सड़क परियोजनाओं में राज्य सरकार की निष्क्रियता और भ्रष्टाचार को लेकर आपकी नाराजगी स्वाभाविक है।" उन्होंने सरकार पर आगे प्रहार करते हुए ये आरोप लगाया कि राज्य की सरकार न केवल अक्षम है, बल्कि गोवा की संपत्तियों को टुकड़ों में बेचने का काम कर रही है।
गोवा की सरकार को घेरने का कोई मौका विपक्ष नहीं छोड़ता है। कैश फॉर जॉब स्कैम जैसे मुद्दों पर विपक्षी पार्टियां लगातार हमलावर हैं। ऐसे में गडकरी के इस तंज से विपक्ष को एक नया मौका मिल गया। दरअसल, इस परियोजना की देरी गोवा के पर्यटन विकास और स्थानीय रोजगार के लिए चिंता उत्पन्न हुई। ऐसा माना जा रहा है कि व्यूअर गैलरी और लाइट एंड साउंड शो जैसे आकर्षण गोवा को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर नई ऊंचाई पर ले जा सकते थे। यह क्षेत्रीय व्यवसायों और स्थानीय रोजगार को भी बढ़ावा देने में अहम भूमिका निभा सकता था।
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