Bihar Teacher Recruitment: कैबिनेट बैठक में 1.78 लाख टीचर्स की बहाली पर लगी मुहर, इस महीने के आखिर तक आ सकती है वैकेंसी

Bihar Teacher Recruitment: बात अगर सैलरी की करें तो 11वीं से 12वीं के टीचर्स का मूल वेतन 32,000, 9वीं से 10वीं के टीचर्स का 30,000 6 से 8वीं के टीचर्स का 28,000 और 1 से 5वीं के टीचर्सका 25,000 मूल वेतन फिक्स किया गया है।

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Bihar Teacher Recruitment: बिहार में 1.78 लाख टीचर्स की बहाली पर लगी मुहर।

Bihar Teacher Recruitment: बिहार कैबिनेट (Bihar Cabinet) की मंगलवार को हुई बैठक में नई शिक्षक नियमावली पर मुहर लग गई है। सीएम नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में राज्य में 1.78 लाख नए शिक्षकों की भर्ती का आदेश पारित किया, जिसमें 1 से से 5वीं कक्षा तक के 85,477, 6 से 8वीं कक्षा तक के लिए 1,745, 9वीं और 10वीं के लिए 33,186, 11वीं और 12वीं के लिए 57,618 पदों की स्वीकृति दी गई है।
इस फैसले से बीएड और केंद्रीय या राज्य टीईटी पास कर चुके युवा नौकरी के पात्र होंगे। शिक्षा विभाग ने बिहार लोक सेवा आयोग के तहत परीक्षाएं कराने का प्रस्ताव दिया है। सफल उम्मीदवारों को 12वीं कक्षा तक प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालय के शिक्षकों की नौकरी दी जाएगी। ये शिक्षक राज्य सरकार के कर्मचारी होंगे और सभी सुविधाएं पाने के भी हकदार होंगे। इस भर्ती अभियान के दौरान प्राथमिक शिक्षकों के 85,477 पदों, मध्य विद्यालय के 1,745 शिक्षकों (कक्षा 6 से 8) और हाई स्कूल (कक्षा 9 से 12) के 90,804 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी।

टीचर्स की ये होगी सैलरी

बात अगर सैलरी की करें तो 11वीं से 12वीं के टीचर्स का मूल वेतन 32,000, 9वीं से 10वीं के टीचर्स का 30,000 6 से 8वीं के टीचर्स का 28,000 और 1 से 5वीं के टीचर्सका 25,000 मूल वेतन फिक्स किया गया है। वहीं माना जा रहा है कि इस महीने के आखिरी तक इन पदों पर नियुक्ति के लिए वैकेंसी आ सकती है। 1.78 लाख शिक्षकों की नियुक्ति पर सरकार के करीब 106,23 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
बीपीएससी के माध्यम से नियुक्त मौजूदा शिक्षकों के पास सरकारी कर्मचारी बनने के लिए एक समान परीक्षा देने का विकल्प होगा। नए भर्ती नियम एक केंद्रीय प्रक्रिया के माध्यम से शिक्षकों की नियुक्ति के लिए प्रदान करते हैं क्योंकि पंचायती राज संस्थानों के माध्यम से नियुक्ति की वर्तमान प्रक्रिया विवादों से घिरी हुई है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का 1.78 लाख नए शिक्षकों को नियुक्त करने का निर्णय एक प्रमुख नीतिगत बदलाव है, क्योंकि 2006 से गुणवत्ता पर चिंता और पटना उच्च न्यायालय में दस्तावेजों की कथित हेराफेरी के विवादों के बावजूद पीआरआई और यूएलबी के माध्यम से शिक्षकों को नियुक्त कर रहे थे। चुनावी साल में 1.78 लाख शिक्षकों की नियुक्ति सरकार की कम से कम 10 लाख नौकरियां देने की घोषणा के अनुरूप है।
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दीपक पोखरिया author

पहाड़ से हूं, इसलिए घूमने फिरने का शौक है। दिल्ली-नोएडा से ज्यादा उत्तराखंड में ही मन लगता है। कई मीडिया संस्थानों से मेरी करियर यात्रा गुजरी है और मई...और देखें

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