कैसे बनें रेलवे में TTE या TC, जानें क्या है एलिजिबिलिटी? ट्रेन चालक से भी ज्यादा मिलती है सैलेरी

How To Become TC In Railway: यदि आपका भी सपना रेलवे में टीसी या टीटीई बनने का है, तो ये खबर आपके काम की है। यहां आप टीसी के पदों पर आवेदन करने के लिए शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा, चयन प्रक्रिया व परीक्षा पैटर्न से लेकर संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही टीसी व टीटीई के बीच अंत को भी समझ सकते हैं।

How To Become TC In Railway: कैसे बनें रेलवे में टीटीई या टीसी

How To Become TC In Railway: सरकारी नौकरी का सपना संजोए बैठे उम्मीदवारों के बीच आज भी रेलवे में टीटीई की नौकरी सबसे लोकप्रिय जॉब में से एक है। बता दें टीटीई का फुल फॉर्म ट्रेवलिंग टिकट एग्जामिनर होता है, जो ट्रेन में सफर करने वाले यात्रियों का टिकट चेक करने के साथ उन्हें सीट उपलब्ध (How To Become TTE) करवाता है। तथा अन्य समस्याओं का निपटारा करता है। वहीं यदि कोई यात्री बिना टिकट के ट्रेन में यात्रा करता हुआ पाया जाता है, तो नियमानुसार टीटीई को फाइन देना पड़ता है।

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ऐसे में ट्रेन में सफर करते वक्त हर किसी के मन में सवाल होता है कि, आखिर रेलवे में टीटीई की नौकरी कैसे मिलती है। बता दें टीटीई के पद पर पहुंचने के लिए टीसी से होकर गुजरना होता है। टिकट चेकर के रूप में 5 से 10 साल के अनुभव के बाद टीटीई का पद दिया जाता है। भारतीय रेलवे समय समय पर टीसी की रिक्तियों पर भर्ती के लिए नोटिफिकेशन जारी करता है। हालांकि इसके लिए शैक्षणिक योग्यता, आयु सीमा व शारीरिक पात्रता निर्धारित की जाती है। इस लेख के माध्यम से हम आपको विस्तार से बताएंगे कि, आप रेलवे में टीसी कैसे बन सकते हैं। इससे पहले आप यहां टीसी और टीटीई के बीच अंतर जान सकते हैं।

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TTE And TC Difference: क्या होता है टीसी और टीटीई में अंतरटीसी का फुलफॉर्म टिकट कलेक्टर होता है, जबकि टीटीई का फुलफॉर्म ट्रेवलिंग टिकट एग्जामिनर होता है। टिकट कलेक्टर की ड्यूटी प्लेटफॉर्म पर लगाई जाती है, जबकि टीटीई की ड्यूटी चलती ट्रेन में टिकट चेक करने की होती है। टिकट कलेक्टर प्लेटफॉर्म के प्रभारी होते हैं, यदि कोई यात्री प्लेटफॉर्म पर बिना टिकट के पाया जाता है तो इन्हें फाइन वसूलने का अधिकार होता है।

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