हाथ में गीता और चेहरे पर मुस्कान... जब 18 साल का क्रांतिकारी युवा खुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गया; जानें इतिहास

11 August History: इतिहास में 11 अगस्त का दिन एक खास घटना के साथ दर्ज है। आज ही के दिन एक युवा क्रांतिकारी फांसी हाथों पर गीता लिए खुशी-खुशी फांसी के फंदे पर झूल गया। दरअसल, हम बात कर रहे हैं कि महान क्रांतिकारी खुदीराम बोस की, जिन्हें अंग्रेजों ने 1908 में फांसी दी थी।

आज का इतिहास

मुख्य बातें
  • 1908 में क्रांतिकारी खुदीराम बोस को फांसी दी गई।
  • 1960 में अफ्रीकी देश चाड ने फ्रांस से स्वतंत्रता हासिल की।
  • 1984 में तत्कालीन सोवियत रूस ने भूमिगत परमाणु परीक्षण किया।

11 August History: देश की आजादी की लड़ाई में कुछ नौजवानों का बलिदान इतना उद्वेलित करने वाला था कि उसने पूरे देश में स्वतंत्रता संग्राम का रुख बदलकर रख दिया। इनमें एक नाम खुदीराम बोस का है, जिन्हें 11 अगस्त, 1908 को फांसी दे दी गई। उस समय उनकी उम्र महज 18 साल कुछ महीने थी। अंग्रेज सरकार उनकी निडरता और वीरता से इस कदर आतंकित थी कि उनकी कम उम्र के बावजूद उन्हें फांसी की सजा सुनाई गयी। यह साहसी किशोर हाथ में गीता लेकर ख़ुशी-ख़ुशी फांसी चढ़ गया।

खुदीराम की लोकप्रियता का यह आलम था कि उनको फांसी दिए जाने के बाद बंगाल के जुलाहे एक खास किस्म की धोती बुनने लगे, जिसकी किनारी पर खुदीराम लिखा होता था और बंगाल के नौजवान बड़े गर्व से वह धोती पहनकर आजादी की लड़ाई में कूद पड़े।

देश दुनिया के इतिहास में 11 अगस्त की तारीख पर दर्ज अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:

1347 : अलाउद्दीन हसन गंगू ने राजगद्दी संभाली और बहमनी साम्राज्य की स्थापना की।

End Of Feed