हर साल 14 नवंबर को ही क्यों मनाया जाता है 'बाल दिवस'? जानें इसका महत्व

14 November History: दुनिया के इतिहास में 14 नवंबर का दिन कई महत्वपूर्ण घटनाओं के नाम दर्ज है। आज ही के दिन देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का इलाहाबाद में जन्म हुआ था और उनके निधन के बाद इस दिन को 'बाल दिवस' के तौर पर मनाया जाता है।

बाल दिवस

14 November History: इतिहास में 14 नवंबर की तारीख स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन के तौर पर दर्ज है। इस दिन को ‘बाल दिवस’ के तौर पर मनाया जाता है। उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 14 नवंबर 1889 को जन्मे जवाहरलाल नेहरू को बच्चों से खासा लगाव था और बच्चे उन्हें 'चाचा नेहरू' कहकर पुकारते थे। भारत में 1964 से पहले तक बाल दिवस 20 नवंबर को मनाया जाता था, लेकिन जवाहरलाल नेहरू के निधन के बाद उनके जन्मदिन अर्थात 14 नवंबर को 'बाल दिवस' के रूप में मनाने का फैसला किया गया। कई देशों में एक जून को बाल दिवस के तौर पर मनाया जाता है। कुछ देश संयुक्त राष्ट्र की घोषणा के अनुरूप 20 नवंबर को बाल दिवस मनाते हैं।

2023 में 14 नवंबर को भारत की प्रसिद्ध ‘स्काइडाइवर’ शीतल महाजन ने माउंट एवरेस्ट के सामने 21,500 फुट की ऊंचाई से हेलीकॉप्टर से छलांग लगाने वाली दुनिया की पहली महिला बनकर एक नयी उपलब्धि हासिल की। भारत के चौथे सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्मश्री से सम्मानित और कई ‘स्काइडाइविंग’ रिकॉर्ड धारक 41 वर्षीय महाजन ने दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के सामने छलांग लगाई।

इतिहास में 14 नवंबर की तारीख में दर्ज अन्य प्रमुख घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा इस प्रकार है:

1681 : ईस्ट इंडिया कंपनी ने बंगाल को एक अलग रियासत बनाने की घोषणा की।

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