विदेशियों से आजाद होने में इस राज्य को लगा था और 14 साल का समय, राममनोहर लोहिया ने खोला था मोर्चा

18 June History: भले ही देश 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से आजाद हो गया हो, लेकिन देश के एक तटीय राज्य में विदेशी हुकूमत का कब्जा था। पर स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारधारा में यकीन रखने वाले राममनोहर लोहिया ने उन्हें भी देश से बाहर निकालने मुहिम छेड़ दी और 1961 में यह राज्य भी विदेशी ताकतों से आजाद हो गया।

गोवा मुक्ति आंदोलन

18 June History: हम सब जानते हैं कि भारत को 15 अगस्त, 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से आजादी मिली, लेकिन आजाद भारत का एक हिस्सा ऐसा भी था जहां आजादी के बाद भी कई बरस तक विदेशियों का शासन रहा तथा इसे आजाद होने में 14 बरस और लगे। यह हिस्सा था देश का तटीय क्षेत्र गोवा, जो उस समय पुर्तगालियों के कब्जे में था।

दरअसल, 1946 में जब यह साफ हो गया कि अंग्रेज अब भारत में अधिक समय तक अपना शासन नहीं चला पाएंगे तब राष्ट्रीय नेता यह मानकर चल रहे थे कि अंग्रेजों के साथ-साथ पुर्तगाली भी गोवा छोड़कर चले जाएंगे। हालांकि, स्वतंत्रता सेनानी एवं समाजवादी विचारधारा में यकीन रखने वाले राममनोहर लोहिया इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते थे।

जब पुर्तगालियों के खिलाफ शुरू हुआ आंदोलन

यही वजह थी कि लोहिया ने 18 जून, 1946 को गोवा पहुंचकर पुर्तगालियों के खिलाफ आंदोलन शुरू किया। इस आंदोलन में हजारों गोवावासी शामिल हुए। हालांकि, कई साल के संघर्ष के बाद गोवा को 1961 में आजादी मिली।

End Of Feed